कल से शुरू हो रही है महिला वनडे वर्ल्ड कप: सब कुछ जानिए इस महायुद्ध के बारे में

कल से शुरू हो रही है महिला वनडे वर्ल्ड कप: सब कुछ जानिए इस महायुद्ध के बारे में

29, 9, 2025

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क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक सुनहरा मौका है — कल से महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 स्टार्ट होने जा रही है। इस टूर्नामेंट को लेकर उत्साह और उम्मीदों का माजरा बहुत बड़ा है। आइए, जान लेते हैं कि क्या है इसके फॉर्मेट, कौन-कौन सी टीमें हैं, कहाँ और कैसे मुकाबले होंगे, और भारत की क्या उम्मीदें हैं।


कब और कहाँ — मेज़बानी की रूपरेखा

इस महिला वनडे वर्ल्ड कप की मेज़बानी भारत और श्रीलंका संयुक्त रूप से कर रहे हैं। यह टूर्नामेंट 30 सितंबर, 2025 से शुरू होकर 2 नवंबर, 2025 तक चलेगा।
भारत में चार मुख्य स्थल इस टूर्नामेंट को होस्ट करेंगे — गुवाहाटी, इंदौर, विशाखापत्तनम और नवी मुंबई। वहीं पाकिस्तान की सभी मैच श्रीलंका में आयोजित होंगे।
इस व्यवस्था का मकसद है कि टूर्नामेंट को बेहतर तरीके से संचालित किया जाए और सभी टीमों को समुचित सुविधाएँ मिले।


फॉर्मेट और कुल मुकाबले

महिला वनडे वर्ल्ड कप इस बार 31 मुकाबलों का आयोजन करेगा। आठ टीमों के बीच यह मुकाबले राउंड-रॉबिन और नॉकआउट सिस्टम में होंगे।
प्रतियोगिता की शुरुआत ग्रुप स्टेज से होगी, जहाँ सभी टीमें एक-दूसरे से लड़ेंगी। उसके बाद सेमीफाइनल और फाइनल की ओर रेखा खींची जाएगी।
इस टूर्नामेंट में पिछले चैंपियन ऑस्ट्रेलिया भी है, जो अब तक कई बार ट्रॉफी जीत चुका है।


पुरस्कार राशि में बड़ा उछाल

इस संस्करण की सबसे बड़ी ख़बर है — पुरस्कार राशि में अभूतपूर्व बढ़ोतरी। इस बार कुल पुरस्कार राशि लगभग ₹122.5 करोड़ रखी गई है, जो पिछले संस्करणों की तुलना में कई गुना अधिक है।
विजेता टीम को इस बढ़ी हुई पूल से सबसे बड़ा हिस्सा मिलेगा। यह बदलाव महिला क्रिकेट को एक नए मान्यता स्तर पर ले जाता है और खिलाड़ियों को बेहतर इनाम की उम्मीद देता है।


भारत की उम्मीदें और दबाव

भारत इस टूर्नामेंट को मेज़बान के रूप में खेल रहा है और पहली बार यह मौका आ गया है कि घर पर ही स्क्रिप्ट लिख सके। हालांकि, भारत अब तक महिला विश्व कप ट्रॉफी नहीं जीत पाया है — यह वही खालीपन है जिसे टीम इस बार भरने की कोशिश करेगी।
पूर्व ऑस्ट्रेलिया कप्तान मेग लैनिंग ने इस बात पर जोर दिया है कि भारत को शुरुआत से ही मजबूत प्रदर्शन करना होगा ताकि दबाव को सही दिशा में उपयोग कर सके।
भारत ने इस टीम संयोजन में अनुभव और युवा प्रतिभा का मिश्रण किया है। कप्तानी हरमनप्रीत कौर को दी गई है, जबकि स्मृति मंधाना उपकप्तान होंगी।


मुकाबलों की चुनौतियाँ और मापदंड

इस टूर्नामेंट में स्पिन गेंदबाज़ी की भूमिका प्रमुख होगी। कई मैच मैदानों पर धीमी पिच होंगी, जहाँ स्पिनरों को नियंत्रण हासिल रहेगा।
टीमों को अपनी रणनीति ऐसी बनानी होगी कि शुरुआत और मध्य-ओवरों में स्कोर बनाएँ और स्पिन पर काबू रखें।
दूसरी चुनौती मौसम की हो सकती है — कुछ क्षेत्रों में बारिश की संभावना हो सकती है, इसलिए मैच संचालन स्थगन या विलंब का सामना कर सकते हैं।
इसके लिए आयोजक पहले से तैयारी कर रहे हैं — कवर, ड्रेनेज व्यवस्था और ग्राउंड स्टाफ को भी सक्रिय रखा गया है।


खिलाड़ी, टीम और किस पर नजर

किसी भी वर्ल्ड कप में खिलाड़ियों के प्रदर्शन ही कहानी लिखते हैं। इस बार भारतीय टीम में कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जिन पर सबकी नज़रें टिकी होंगी — जैसे कि हरमनप्रीत कौर, स्मृति मंधाना, दीप्टी शर्मा, सिन्धु राणा इत्यादि।
ऑस्ट्रेलिया हमेशा से ही महिला क्रिकेट का दबदबा रखने वाली टीम रही है। वे मजबूत दावेदारों में हैं।
अन्य टीमों जैसे इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, श्रीलंका, पाकिस्तान भी अपनी रणनीतियाँ लेकर आएँगी।
विशेष ध्यान इस बात पर रहेगा कि कौन सी टीम मिडल-ओवरों में दबाव बना कर मुकाबला मोड़ पाती है, और कौन लॉन्ग रनों में संतुलन बनाए रखती है।


महत्व और प्रभाव

यह टूर्नामेंट सिर्फ क्रिकेट की प्रतिस्पर्धा नहीं है — यह महिला क्रिकेट के लिए एक मील का पत्थर माना जा रहा है। बड़ी पुरस्कार राशि, वैश्विक मंच और प्राथमिकता देने वाली व्यवस्था सभी संकेत हैं कि महिला क्रिकेट को वह सम्मान मिलना चाहिए जो उसे वर्षों से जारी है।
यदि भारत इस टूर्नामेंट को जीत पाए, तो वह सिर्फ ट्रॉफी नहीं उठाएगा — एक सपने की पूर्ति होगी, एक दायित्व की सफलता होगी।

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