वर्ल्ड अपडेट्स

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29, 9, 2025

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दूसरी पारी में अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में सक्रियता बढ़ी है। हाल ही में, उन्होंने पाकिस्तान, रूस, सऊदी अरब और चीन के साथ महत्वपूर्ण समझौतों और बैठकों के माध्यम से वैश्विक राजनीति में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।


पाकिस्तान और सऊदी अरब के साथ रक्षा समझौता

सितंबर 2025 में, पाकिस्तान और सऊदी अरब ने एक 'स्ट्रैटेजिक म्यूचुअल डिफेंस' समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत, एक देश पर हमला दूसरे देश पर हमला माना जाएगा। यह कदम अमेरिकी सुरक्षा गारंटी पर बढ़ती असंतुष्टि और क्षेत्रीय सुरक्षा चिंताओं के बीच उठाया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता एक नए 'इस्लामिक नाटो' की ओर इशारा करता है, जो भारत के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो सकता है। 


ट्रंप और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मुलाकात

26 सितंबर 2025 को, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ट्रंप से मुलाकात की और उन्हें 'शांति का आदमी' करार दिया। शरीफ ने ट्रंप की मध्यस्थता को सराहा, जिसने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष को टालने में मदद की। इस मुलाकात में, पाकिस्तान ने अमेरिकी निवेश को आकर्षित करने के लिए कृषि, आईटी और प्राकृतिक संसाधनों में सहयोग की अपील की। 


रूस का जैविक हथियारों पर ट्रंप के प्रस्ताव का समर्थन

रूस ने संयुक्त राष्ट्र में ट्रंप के जैविक हथियारों पर वैश्विक प्रतिबंध के प्रस्ताव का समर्थन किया है। क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने इसे 'महत्वपूर्ण आह्वान' और 'उत्तम पहल' बताया। रूस ने जैविक हथियारों के खिलाफ वैश्विक प्रयासों में भाग लेने की इच्छा जताई है। 


सऊदी अरब में ट्रंप का निवेश: ट्रंप प्लाजा जेद्दा

डोनाल्ड ट्रंप के परिवारिक व्यवसाय, ट्रंप ऑर्गनाइजेशन, ने सऊदी अरब के रियल एस्टेट डेवलपर डार ग्लोबल के साथ मिलकर जेद्दा में 'ट्रंप प्लाजा' परियोजना की घोषणा की है। यह परियोजना $1 बिलियन की लागत से विकसित होगी और इसमें लक्जरी रेजिडेंशियल, ऑफिस स्पेस और सेंट्रल पार्क-प्रेरित ग्रीन स्पेस शामिल होंगे। यह परियोजना ट्रंप टॉवर जेद्दा के बाद दोनों कंपनियों की दूसरी साझेदारी है। 


ट्रंप का मध्य-पूर्व में शांति प्रयास

ट्रंप ने गाजा युद्ध को समाप्त करने के लिए एक समझौते की संभावना जताई है। उन्होंने इसे 'मध्य-पूर्व में महानता का वास्तविक अवसर' करार दिया और कहा कि सभी पक्ष किसी विशेष समझौते के लिए तैयार हैं। उप-राष्ट्रपति जेडी वांस ने बताया कि अमेरिकी अधिकारी इजरायल और अरब नेताओं के साथ 'काफी जटिल' वार्ता में लगे हुए हैं। 


पाकिस्तान, चीन, रूस और ईरान का संयुक्त बयान

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र के दौरान, पाकिस्तान, चीन, रूस और ईरान के विदेश मंत्रियों ने अफगानिस्तान के आसपास अमेरिकी सैन्य ठिकानों की स्थापना का विरोध किया। उन्होंने काबुल की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि ये देश अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति के खिलाफ हैं। 


निष्कर्ष:

डोनाल्ड ट्रंप की कूटनीतिक सक्रियता ने वैश्विक राजनीति में नई दिशा दी है। उनकी पाकिस्तान, रूस, सऊदी अरब और चीन के साथ की गई पहलें और समझौतें अमेरिका की विदेश नीति में महत्वपूर्ण बदलावों का संकेत देती हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इन कदमों का भारत और अन्य देशों पर क्या प्रभाव पड़ता है।

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