सरगुजा में आदिवासियों को मिला 400 करोड़ का मुआवजा, लेकिन 10 हजार से अधिक निकालने के लिए एसडीएम से अनुमति जरूरी

सरगुजा में आदिवासियों को मिला 400 करोड़ का मुआवजा, लेकिन 10 हजार से अधिक निकालने के लिए एसडीएम से अनुमति जरूरी

29, 9, 2025

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छत्तीसगढ़ राज्य के सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड में स्थित कोल ब्लॉक के लिए अधिग्रहित जमीन के बदले आदिवासी समुदाय के लोगों को 400 करोड़ रुपये का मुआवजा प्रदान किया गया है। यह मुआवजा राशि उनके खातों में अंतरित की जा रही है। हालांकि, इस बड़ी राशि के दुरुपयोग की आशंका को देखते हुए जिला कलेक्टर ने एक आदेश जारी किया है, जिसके तहत 10 हजार रुपये से अधिक की राशि निकालने के लिए एसडीएम से लिखित अनुमति लेना अनिवार्य होगा।

मुआवजा वितरण की प्रक्रिया

राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की परसा ईस्ट केते बासेन कोल ब्लॉक के लिए वर्ष 2012-13 में पहली बार मुआवजा प्रदान किया गया था। लगभग 350 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि प्रदान करने के बाद भी ज्यादातर भू-स्वामियों के जीवन में कोई विशेष बदलाव नहीं आया था। इसके पीछे मुख्य कारण चिटफंड कंपनियों और दलालों के चक्कर में फंसकर मुआवजा राशि का दुरुपयोग था।

दुरुपयोग की घटनाएँ

एकमुश्त बड़ी राशि देखकर आदिवासी समुदाय के लोगों का व्यवहार बदल गया था। जिनके पास जमीन नहीं थी, उन्होंने ट्रैक्टर, महंगी चार पहिया और दो पहिया वाहन खरीद लिए। इसके अलावा, दलालों ने उन्हें अनियमित वित्तीय कंपनियों में बड़ी राशि निवेश करने के लिए प्रेरित किया, जिससे उनकी राशि डूब गई। कई मामलों में वाहन दुर्घटनाओं का शिकार हुए या फिर दलालों ने उन्हें अपने कब्जे में ले लिया। इस प्रकार के दुरुपयोग के कारण आदिवासी समुदाय मानसिक रूप से परेशान हो गया था।

एसडीएम से अनुमति की प्रक्रिया

इन घटनाओं को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर विलास भोसकर ने आदेश जारी किया है कि आदिवासी और अत्यंत पिछड़ी जनजाति जैसे पंडो, पहाड़ी कोरवा और मझवार भू-स्वामियों को 10 हजार रुपये से अधिक की राशि आहरित करने से पहले एसडीएम उदयपुर से लिखित अनुमति लेनी होगी। एसडीएम यह सुनिश्चित करेंगे कि राशि का सदुपयोग होगा, तभी अनुमति प्रदान की जाएगी। अनुमति मिलने की स्थिति में भी नकद आहरण नहीं होगा। जिस कार्य के लिए भू-स्वामी को राशि की आवश्यकता होगी, उसका भुगतान ऑनलाइन माध्यम से किया जाएगा, ताकि सारा रिकॉर्ड उपलब्ध रहे।

मुआवजा राशि का प्रभाव

वर्ष 2012 में खदान प्रभावित एक भू-स्वामी को 1 करोड़ 82 लाख रुपये का मुआवजा मिला था। उसने एक पुरानी स्कॉर्पियो कार खरीद ली थी और लाखों रुपये के सोने के जेवरात भी खरीद लिए थे। इसके बाद वह शराब के नशे में अंबिकापुर में कलेक्टर के जनदर्शन में पहुंचा और अपने साथ 25 लाख रुपये नकद लेकर आया। इस प्रकार की घटनाओं ने यह साबित कर दिया कि एकमुश्त बड़ी राशि का दुरुपयोग कैसे हो सकता है।

निष्कर्ष

सरगुजा जिले में आदिवासी समुदाय को प्रदान की गई मुआवजा राशि उनके जीवन स्तर में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, इस राशि का सही उपयोग सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम सराहनीय हैं। एसडीएम से अनुमति लेने की प्रक्रिया और ऑनलाइन भुगतान प्रणाली से यह सुनिश्चित होगा कि राशि का सदुपयोग हो और आदिवासी समुदाय के लोग आर्थिक रूप से सशक्त बनें।

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