मानसून के मौसम में छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में आकाशीय बिजली ने भारी तबाही मचाई है।

मानसून के मौसम में छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में आकाशीय बिजली ने भारी तबाही मचाई है।

29, 9, 2025

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मानसून के मौसम में छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में आकाशीय बिजली ने भारी तबाही मचाई है। पिछले दस दिनों में बिजली गिरने की विभिन्न घटनाओं में दो ग्रामीणों की मौत हो चुकी है, जबकि दस से अधिक मवेशी भी चपेट में आकर मारे गए हैं। इन घटनाओं से क्षेत्र में भय और असुरक्षा का माहौल बन गया है।

घटना का विवरण

रविवार को तेज बारिश और गरज-चमक के दौरान ग्राम तराईडांड गोविंदपुर के पास स्थित चिचला मझवार क्षेत्र में 60 वर्षीय नानसाय मझवार की बिजली गिरने से मौके पर ही मौत हो गई। वह भैंस चरा रहे थे, जब यह हादसा हुआ। इसके अलावा, एक बैल और तीन बछड़ों की भी मौत हो गई। इससे पहले भी क्षेत्र में एक अन्य व्यक्ति की मौत हो चुकी है।

मवेशियों की मौत से किसानों की परेशानियाँ

बतौली क्षेत्र में बिजली गिरने से अब तक दस से अधिक मवेशियों की मौत हो चुकी है। मवेशियों की मौत से किसान संकट में आ गए हैं, क्योंकि उनकी खेती प्रभावित हो रही है। बारिश के समय खेती का कार्य जोरों पर होता है, और इस दौरान बैलों की मृत्यु से खेतों में जोताई का कार्य भी प्रभावित हो रहा है।

तड़ित चालक की कमी और प्रशासन की लापरवाही

बतौली क्षेत्र में तड़ित चालक की कमी है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते पहाड़ी क्षेत्रों में तड़ित चालक लगाए गए होते, तो इन घटनाओं से बचा जा सकता था। ग्रामीणों ने इसे प्रशासन की अनदेखी और लापरवाही बताया है।

विधायक की पहल और प्रशासन की प्रतिक्रिया

सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो ने बतौली जनपद सीईओ को तड़ित चालक लगाए जाने के लिए पत्र लिखा था। इसके बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। विधायक ने ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही घटनाओं को देखते हुए गांव-गांव में तड़ित चालक लगाने की मांग की थी, लेकिन बतौली क्षेत्र आज भी उस अभाव से जूझ रहा है।

प्रशासन से अपेक्षाएँ

स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द संवेदनशील क्षेत्रों में तड़ित चालक लगाए जाएं, ताकि ग्रामीणों और उनके मवेशियों की जान की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। साथ ही पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा देने की भी मांग की गई है।

यह घटनाएँ यह दर्शाती हैं कि मानसून के मौसम में आकाशीय बिजली से बचाव के लिए उचित उपायों की आवश्यकता है। प्रशासन को चाहिए कि वह तड़ित चालक की व्यवस्था करे और ग्रामीणों को इस विषय में जागरूक करे, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।

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