छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के तिरियारपानी क्षेत्र में रविवार को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में तीन माओवादी मारे गए।

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के तिरियारपानी क्षेत्र में रविवार को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में तीन माओवादी मारे गए।

29, 9, 2025

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छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के तिरियारपानी क्षेत्र में रविवार को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में तीन माओवादी मारे गए। इन माओवादियों पर कुल ₹14 लाख का इनाम था। यह मुठभेड़ रावस वन क्षेत्र में हुई, जो कांकेर और गरियाबंद जिलों की सीमा पर स्थित है। यह घटना राज्य में नक्सलवाद के खिलाफ चलाए जा रहे सुरक्षा अभियानों की निरंतरता को दर्शाती है।

मुठभेड़ का विवरण

रविवार सुबह सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम ने रावस वन क्षेत्र में तलाशी अभियान शुरू किया। इस दौरान माओवादियों के साथ मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ में तीन माओवादी मारे गए, जिनमें एक महिला माओवादी भी शामिल थी। सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ स्थल से एक स्वचालित राइफल, एक .303 राइफल और अन्य नक्सली सामग्री बरामद की। इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के किसी भी जवान के घायल होने की सूचना नहीं है। 

माओवादी नेताओं की पहचान

मारे गए तीन माओवादी नेताओं में से दो क्षेत्रीय समिति के सदस्य थे। इनकी पहचान और अन्य विवरण अभी तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। इन माओवादियों पर कुल ₹14 लाख का इनाम था, जो राज्य सरकार द्वारा नक्सलियों की गिरफ्तारी या जानकारी देने के लिए घोषित किया गया था। 

सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया

कांकेर जिले की पुलिस अधीक्षक इंदिरा कल्याण एलेसेला ने बताया कि यह मुठभेड़ विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर की गई थी। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई राज्य में नक्सलवाद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा है। उन्होंने यह भी बताया कि मुठभेड़ स्थल से बरामद सामग्री से यह स्पष्ट होता है कि माओवादी संगठन सक्रिय था और सुरक्षा बलों की कार्रवाई से उन्हें भारी नुकसान हुआ है।

राज्य में नक्सलवाद के खिलाफ अभियान

यह मुठभेड़ राज्य में नक्सलवाद के खिलाफ चलाए जा रहे सुरक्षा अभियानों की निरंतरता को दर्शाती है। इससे पहले मई 2025 में, नक्सलियों के शीर्ष नेता नंबाला केशव राव को भी छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में मार गिराया था।  इसके अलावा, सितंबर 2025 में, दो शीर्ष नक्सली नेताओं को भी छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। 

ग्रामीणों की सुरक्षा की चिंता

हालांकि सुरक्षा बलों की कार्रवाई से नक्सलियों को नुकसान हो रहा है, लेकिन ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर चिंता बनी हुई है। नक्सलियों के हमलों और मुठभेड़ों के कारण ग्रामीणों का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। किसानों का कहना है कि वे अपनी आजीविका के लिए खेतों में काम करते हैं, लेकिन इस प्रकार की घटनाओं से उनका जीवन संकट में पड़ जाता है। वे सुरक्षा की मांग कर रहे हैं ताकि वे बिना डर के अपने काम को जारी रख सकें।

निष्कर्ष

कांकेर जिले में हुई यह मुठभेड़ न केवल सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच संघर्ष को दर्शाती है, बल्कि ग्रामीणों की सुरक्षा और उनके जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव को भी उजागर करती है। सरकार और सुरक्षा बलों को चाहिए कि वे ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं।

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