छत्तीसगढ़ में 2025 के दुर्गा पूजा उत्सव की धूम मची हुई है।

छत्तीसगढ़ में 2025 के दुर्गा पूजा उत्सव की धूम मची हुई है।

29, 9, 2025

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रायगढ़, छत्तीसगढ़ में 2025 के दुर्गा पूजा उत्सव की धूम मची हुई है। नवरात्रि के सप्तमी तिथि पर शहर के विभिन्न पंडालों में माता दुर्गा की भव्य प्रतिमाएं स्थापित की गईं। इनमें लालकिला, बद्रीनाथ मंदिर और नालंदा जैसे ऐतिहासिक स्थलों की थीम पर बने पंडाल प्रमुख आकर्षण बने हैं। पंडालों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है, जो माता के दर्शन के लिए आतुर हैं।

पंडालों की भव्यता और सजावट

रायगढ़ के प्रमुख पंडालों में से एक लालकिला पंडाल है, जिसे दिल्ली के लाल किले की वास्तुकला से प्रेरित होकर सजाया गया है। इस पंडाल में लाल पत्थरों और सुनहरी सजावट का उपयोग किया गया है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है। बद्रीनाथ मंदिर की थीम पर बना पंडाल भी दर्शनीय है, जिसमें मंदिर की संरचना और रंगों का सुंदर संयोजन किया गया है। नालंदा विश्वविद्यालय की थीम पर बने पंडाल में प्राचीन भारतीय वास्तुकला की झलक देखने को मिलती है।

श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

इन भव्य पंडालों में माता दुर्गा की प्रतिमाएं स्थापित होने के बाद, श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली है। लोग परिवार और दोस्तों के साथ पंडालों में पहुंचकर माता के दर्शन कर रहे हैं और पूजा-अर्चना में भाग ले रहे हैं। पंडालों में विशेष रूप से रात के समय रौनक बढ़ जाती है, जब रंगीन बत्तियों और संगीत के साथ वातावरण और भी भव्य हो जाता है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम और आयोजन

रायगढ़ में दुर्गा पूजा के अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है। नृत्य, संगीत, नाटक और अन्य कला रूपों के माध्यम से देवी की महिमा का गुणगान किया जा रहा है। इन कार्यक्रमों में स्थानीय कलाकारों के साथ-साथ बाहर से आए कलाकार भी अपनी प्रस्तुतियां दे रहे हैं, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं।

सुरक्षा और व्यवस्थाएं

रायगढ़ जिला प्रशासन ने दुर्गा पूजा के दौरान सुरक्षा और व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। पंडालों के आसपास पुलिस बल की तैनाती की गई है और ट्रैफिक व्यवस्थाओं को सुचारु बनाए रखने के लिए मार्गों में परिवर्तन किए गए हैं। इसके अलावा, पंडालों में स्वच्छता बनाए रखने के लिए सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।

निष्कर्ष

रायगढ़ में 2025 का दुर्गा पूजा उत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह शहर की सांस्कृतिक धरोहर और एकता का भी परिचायक है। भव्य पंडाल, आकर्षक सजावट, सांस्कृतिक कार्यक्रम और श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ इस उत्सव को और भी खास बना रही है। यह आयोजन न केवल रायगढ़वासियों के लिए, बल्कि राज्यभर से आने वाले पर्यटकों के लिए भी एक अद्वितीय अनुभव प्रस्तुत कर रहा है।

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