जांजगीर-चांपा जिले के नैला में इस वर्ष दुर्गा पूजा के अवसर पर एक अनोखा पंडाल स्थापित किया गया है

जांजगीर-चांपा जिले के नैला में इस वर्ष दुर्गा पूजा के अवसर पर एक अनोखा पंडाल स्थापित किया गया है

29, 9, 2025

12

image

जांजगीर-चांपा जिले के नैला में इस वर्ष दुर्गा पूजा के अवसर पर एक अनोखा पंडाल स्थापित किया गया है, जो म्यांमार के प्रसिद्ध श्वेत मंदिर की प्रतिकृति के रूप में तैयार किया गया है। यह पंडाल 140 फीट ऊंचा और 150 फीट चौड़ा है, जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। 


पंडाल का निर्माण और डिज़ाइन

इस भव्य पंडाल का निर्माण स्थानीय कारीगरों द्वारा किया गया है, जिन्होंने महीनों की मेहनत से इसे आकार दिया है। पंडाल की संरचना में सफेद रंग का उपयोग किया गया है, जो म्यांमार के श्वेत मंदिर की याद दिलाता है। इसकी वास्तुकला में पारंपरिक और आधुनिक डिज़ाइनों का मिश्रण देखने को मिलता है, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देता है।


पंडाल में विशेष आकर्षण

पंडाल के भीतर माँ दुर्गा की 35 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है, जो श्रद्धालुओं के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। इसके अलावा, पंडाल में अंतरराष्ट्रीय स्तर की लेज़र लाइट शो और 'अक्षरधाम' के शीश महल की थीम पर आधारित डिज़ाइन भी शामिल हैं, जो संपूर्ण वातावरण को दिव्य और आकर्षक बनाते हैं। 


सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व

इस पंडाल का निर्माण न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सांस्कृतिक एकता और समृद्धि का भी संदेश देता है। म्यांमार के श्वेत मंदिर की थीम पर आधारित यह पंडाल दोनों देशों की सांस्कृतिक समानताओं को दर्शाता है। इससे यह भी सिद्ध होता है कि भारतीय समाज विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं को सम्मान देता है और उन्हें अपनाता है।


श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया

नैला के इस पंडाल में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। स्थानीय निवासियों के अनुसार, इस पंडाल ने न केवल धार्मिक आस्था को प्रगाढ़ किया है, बल्कि यह क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को भी उजागर करता है। श्रद्धालु पंडाल की भव्यता और डिज़ाइन की सराहना करते हुए इसे एक अद्वितीय अनुभव मानते हैं।


नैला का यह दुर्गा पूजा पंडाल छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विविधता और समृद्धि का प्रतीक है। यह आयोजन दर्शाता है कि कैसे विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं का संगम एक नई पहचान और समृद्धि की ओर अग्रसर करता है।

Powered by Froala Editor