मंत्री पर आरोप: कर्मचारी ने कहा, केदार कश्यप ने circuito house में प्रहार किया — राजनीति तूल पर

मंत्री पर आरोप: कर्मचारी ने कहा, केदार कश्यप ने circuito house में प्रहार किया — राजनीति तूल पर

11, 8, 2025

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छत्तीसगढ़ के जगदलपुर सर्किट हाउस में निवर्तमान परिस्थिति ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। राज्य सरकार के वन व परिवहन मंत्री केदार कश्यप पर आरोप हैं कि उन्होंने एक दैनिक वेतन पर काम करने वाले कर्मचारी को शारीरिक और मौखिक रूप से प्रताड़ित किया। कर्मचारी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और कांग्रेस पार्टी ने मंत्री से इस्तीफा और सार्वजनिक माफी की मांग की है।


कहानी क्या है

  • कर्मचारी का नाम खितेंद्र पांडेय है, उम्र लगभग 36 साल। वह सर्किट हाउस में रसोइए के रूप में काम करता है। आरोप है कि एक शाम को वह स्नैक्स तैयार कर रहा था, तभी मंत्री के पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर ने उसे बुलाया।

  • मंत्री ने उस कर्मचारी से यह पूछा कि गेस्ट हाउस के कमरे खुल why नहीं थे। पांडेय ने बताया कि कमरे पहले से ही खुले थे। लेकिन आरोप है कि मंत्री गुस्से में आ गए, उनके गले से पकड़ लिया, थप्पड़ मारे, गाली-गलौज की और सिर रखकर उनका अपमान किया।

  • कर्मचारी खुद बताते हैं कि उन्हें लकवा (पैरलिसिस) की स्थिति है, फिर भी वे वर्षों से अपने पद पर ईमानदारी से काम करते रहे हैं।


मंत्री की प्रतिक्रिया

  • मंत्री केदार कश्यप ने इन आरोपों को पूरी तरह नकार दिया है। उनका कहना है कि यह पूरी घटना राजनीतिक प्रेरित है और कांग्रेस पार्टी द्वारा बोली गई अफवाहें हैं।

  • उनका दावा है कि कुछ गलफहमियाँ हुई होंगी, मगर कोई शारीरिक हिंसा या बदसलूकी नहीं हुई। उन्होंने यह भी कहा कि वह “कर्मचारियों को देवी-देवता समझते हैं” और उनके अपमान को बर्दाश्त नहीं कर सकते।


राजनीतिक हलचल

  • कांग्रेस पार्टी ने इस घटना की तीखी निंदा की है। राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सहित कई नेताओं ने केदार कश्यप का इस्तीफे और मामले में FIR दर्ज करने की मांग की है।

  • जनता में भी इस घटना ने चर्चा बढ़ा दी है। लोगों का कहना है कि सार्वजनिक पद पर बैठे लोगों से इस तरह का व्यवहार स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।

  • साथ ही सोशल मीडिया और स्थानीय पत्रकारिता में इस मामले ने जोर पकड़ लिया है, जहाँ लोग मंत्री की जवाबदेही और कर्मचारियों के अधिकारों की बातें कर रहे हैं।


पुलिस जांच और शिकायत

  • कर्मचारी ने जगदलपुर पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने कहा है कि शिकायत मिली है, और तथ्य-पुड़ताल की जा रही है।

  • एसपी तथा अन्य अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं कि क्या घटना वास्तव में हुई है, कौन-कौन शामिल थे, और आरोप जितने गंभीर हैं उसकी पुष्टि कैसे हो सकती है।

  • पुलिस हर पहलू से घटना को देख रही है — कर्मचारियों की स्थिति, कमरे खोलने-बंद करने का विषय, वक्तघटना, गवाहों की बयानबाज़ी आदि।


सामाजिक वर्ग और कर्मचारी के अनुभव

  • पांडेय की नौकरी दैनिक वेतन कर्मचारी के रूप में है, और वे वर्षों से circuit house में काम कर रहे हैं। ऐसे कर्मचारी अक्सर कमजोर स्थिति में होते हैं क्योंकि उनके पास संसाधन, कानूनी साक्ष्य या सार्वजनिक समर्थन कम होता है।

  • यह भी बताया गया है कि लॉक खोलने-सम्बंधित स्थिति वर्षों से चली आ रही है — कमरे खोलने-बंद करने की जिम्मेदारी अक्सर कर्मचारियों पर होती है, और कहे-जाने वालों के अनुसार, यह काम कई महीनों से “एक ही परिवार” के हाथ में रहा है, जिससे प्रशासनिक शिकायतें भी उठी थीं।


क्या हो सकती है संभावित कार्रवाई

  • यदि जांच में ये आरोप सही पाए गए, तो मंत्री की जवाबदेही तय होगी — संभव है कि उन्हें इस्तीफा देना पड़े, साथ ही सार्वजनिक माफी की ज़रूरत पड़े।

  • सरकारी कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए पुलिस और प्रशासन को भी सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे मामलों में त्वरित कानूनी कार्रवाई हो।

  • न्याय व्यवस्था और सार्वजनिक विश्वास बनाए रखने के लिए FIR दर्ज करना और आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करना आवश्यक होगा।


निष्कर्ष

यह मामला सिर्फ एक व्यक्तिगत झगड़ा नहीं है, बल्कि इससे यह मुद्दा सामने आता है कि सार्वजनिक पदों पर बैठे लोग किस प्रकार से अपने दायित्वों की पूर्ति कर रहे हैं, और कर्मचारियों के साथ व्यवहार कैसा हो रहा है। जब कोई मंत्री हो और वह शिकायतों के घेरे में आए, तो पारदर्शिता, न्याय और जवाबदेही की मांग स्वाभाविक होती है।

इस घटना ने यह संकेत दिया है कि जनता और मीडिया कर्मचारी-हक़ की सुरक्षा, नीति-निर्माताओं की नैतिकता और सत्ता के दायरे में रहने वालों की रवायत पर सवाल उठा रही है।

आगे ये देखना होगा कि जांच कैसे आगे बढ़ती है, मंत्री की भूमिका पारदर्शी बनेगी या अफवाहों में रह जाएगी, और क्या कानूनी कार्रवाई होगी।

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