गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के पेंड्रा क्षेत्र स्थित विशेषरा गांव में स्थित मां महामाया मंदिर ने हाल के वर्षों में आस्था का प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है।

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के पेंड्रा क्षेत्र स्थित विशेषरा गांव में स्थित मां महामाया मंदिर ने हाल के वर्षों में आस्था का प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है।

29, 9, 2025

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गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के पेंड्रा क्षेत्र स्थित विशेषरा गांव में स्थित मां महामाया मंदिर ने हाल के वर्षों में आस्था का प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है। यह मंदिर सोन नदी के किनारे स्थित है और यहां दूर-दूर से श्रद्धालु देवी के दर्शन के लिए आते हैं।


मंदिर का ऐतिहासिक महत्व

मां महामाया मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, यह मंदिर प्राचीन काल से ही आस्था का केंद्र रहा है। मंदिर की स्थापत्य कला और धार्मिक महत्व इसे क्षेत्रीय सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा बनाते हैं।


श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या

हाल के वर्षों में, विशेषकर नवरात्रि के दौरान, मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है। श्रद्धालु यहां आकर देवी के दर्शन करते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए पूजा अर्चना करते हैं।


क्षेत्रीय विकास में योगदान

मां महामाया मंदिर के कारण विशेषरा गांव में पर्यटन और धार्मिक गतिविधियों में वृद्धि हुई है। स्थानीय व्यवसायों को भी इससे लाभ हुआ है, जिससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है।


मां महामाया मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह क्षेत्रीय संस्कृति और पर्यटन के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

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