छत्तीसगढ़: अपराध, राजनीति, संस्कृति और आस्था के विविध पहलू

छत्तीसगढ़: अपराध, राजनीति, संस्कृति और आस्था के विविध पहलू

29, 9, 2025

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छत्तीसगढ़ में हाल ही में कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुई हैं, जो राज्य के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करती हैं। इन घटनाओं में महिलाओं और बच्चों पर हमला, राजनीतिक बयानबाजी, सांस्कृतिक उत्सव, वन्यजीव संघर्ष, धार्मिक आस्था, बिजली दरों के विरोध और दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटनाएँ शामिल हैं।

महिलाओं पर हमला

बिलासपुर जिले में एक भयानक घटना सामने आई है। दो नकाबपोश युवकों ने एक महिला और उसकी बेटी पर डंडों से हमला किया। घटना उस समय हुई जब दोनों घर के आंगन में काम कर रही थीं। अचानक हमलावरों ने उन पर हमला किया, जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गईं। स्थानीय लोगों ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने घटनास्थल से सुराग जुटाए और आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू की है। यह हमला समाज में भय और आक्रोश पैदा कर गया।

राजनीतिक बयानबाजी

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने भाजपा के शासनकाल को निराशाजनक बताते हुए आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने जनता के मुद्दों की अनदेखी की और केवल राजनीतिक फायदे के लिए काम किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों में जनता के विश्वास को हासिल करने की पूरी तैयारी में लगी है। भाजपा ने इसे आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करार दिया और कहा कि कांग्रेस को अपनी नाकामियों का सामना करना चाहिए।

सांस्कृतिक कार्यक्रम और उत्सव

रायपुर के शिवनाथ वाटिका में आयोजित गरबा उत्सव में काफ़िला ग्रुप ने अपनी शानदार प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में विभिन्न आयु वर्ग के प्रतिभागियों ने भाग लिया और उनके प्रदर्शन के लिए पुरस्कार भी दिए गए। इस तरह के आयोजनों से न केवल कला को बढ़ावा मिलता है, बल्कि समाज में भाईचारे और एकता की भावना भी मजबूत होती है।

जांजगीर-चांपा जिले के नैला में दुर्गा पूजा के अवसर पर म्यांमार के श्वेत मंदिर की थीम पर भव्य पंडाल बनाया गया। पंडाल की ऊंचाई 140 फीट और चौड़ाई 150 फीट है, जिसमें माँ दुर्गा की 35 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई। लेज़र लाइट शो और 'अक्षरधाम' की थीम ने श्रद्धालुओं को आकर्षित किया और यह पंडाल दूर-दूर से आने वाले लोगों के लिए आस्था का केंद्र बन गया।

कोंडागांव में आईटीबीपी ने हिंदी पखवाड़े का समापन समारोह आयोजित किया। इस अवसर पर जवानों ने हिंदी भाषा और संस्कृति के प्रति अपनी निष्ठा दिखाई और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया। यह आयोजन जवानों के बीच हिंदी भाषा के प्रति जागरूकता और प्रेम को बढ़ावा देने में सफल रहा।

वन्यजीव और मानव संघर्ष

कोरबा जिले के नोनबिर्रा गांव में एक किसान पर भालू ने हमला किया। हमले में उसकी नाक बुरी तरह से जख्मी हो गई और स्थानीय लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया। वन विभाग ने मामले की जांच की और आसपास के क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी। अधिकारियों का कहना है कि जंगलों में भोजन की कमी और मानव बस्तियों का विस्तार इसके प्रमुख कारण हैं। इस घटना ने वन्यजीव और मानव संघर्ष की गंभीरता को उजागर किया।

बिजली दरों के विरोध में आंदोलन

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में युवा कांग्रेस ने बिजली दरों में वृद्धि के खिलाफ 'बिजली बिल जलाओ आंदोलन' किया। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में जलते हुए बिजली बिल लिए और सरकार से तत्काल दरों में कमी की मांग की। युवा कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि यह आंदोलन केवल बिजली दरों के खिलाफ नहीं, बल्कि सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ भी है।

दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं

मरवाही में एक मजदूर की बाइक शोरूम में काम करते समय करंट लगने से मृत्यु हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और मामले की जांच शुरू की। यह घटना कार्यस्थलों पर सुरक्षा मानकों की आवश्यकता को उजागर करती है।

भरतपुर में सड़क किनारे एक युवक का शव पाया गया। उसके पास एक धारदार हथियार पड़ा था, जिससे हत्या की आशंका जताई जा रही है। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और मामले की गहन जांच शुरू की। यह घटना क्षेत्र में बढ़ते अपराध की ओर इशारा करती है और स्थानीय प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग उठ रही है।

धार्मिक आस्था

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के पेंड्रा क्षेत्र स्थित विशेषरा गांव में मां महामाया मंदिर ने आस्था का प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है। मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है और नवरात्रि के दौरान श्रद्धालु दूर-दूर से दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर ने न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत किया है, बल्कि स्थानीय पर्यटन और अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा दिया है।


निष्कर्ष

इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि छत्तीसगढ़ में सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों का एक जटिल और विविध वातावरण है। जहां एक ओर अपराध और मानव-वन्यजीव संघर्ष चिंता का विषय हैं, वहीं संस्कृति और आस्था की गतिविधियां समाज को जोड़ने और जीवन में उत्साह भरने का काम करती हैं।

राज्य के प्रशासन, पुलिस और स्थानीय समाज को मिलकर सुरक्षा, कानून व्यवस्था और सांस्कृतिक संरक्षण पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके साथ ही धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से सामाजिक एकता और जागरूकता को बढ़ावा देना भी जरूरी है।

छत्तीसगढ़ की यह विविधता और घटनाओं की श्रृंखला यह दर्शाती है कि राज्य में चुनौतियां भी हैं और संभावनाएं भी। इनका संतुलन बनाए रखना प्रशासन और जनता दोनों की जिम्मेदारी है।

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