रायगढ़ जिले में स्थित जिंदल समूह के कोल माइन परियोजना के खिलाफ स्थानीय आदिवासी समुदायों ने विरोध प्रदर्शन किया है।

रायगढ़ जिले में स्थित जिंदल समूह के कोल माइन परियोजना के खिलाफ स्थानीय आदिवासी समुदायों ने विरोध प्रदर्शन किया है।

29, 9, 2025

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रायगढ़ जिले में स्थित जिंदल समूह के कोल माइन परियोजना के खिलाफ स्थानीय आदिवासी समुदायों ने विरोध प्रदर्शन किया है। इन समुदायों का आरोप है कि बिना उनकी सहमति के यह परियोजना लागू की जा रही है, जिससे उनकी भूमि, जल, वन और जीवनशैली पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इस विरोध के पीछे मुख्य कारणों में भूमि अधिग्रहण, पर्यावरणीय क्षति और विस्थापन की आशंका शामिल है।

विरोध के प्रमुख कारण

  1. भूमि अधिग्रहण और विस्थापन: स्थानीय निवासियों का कहना है कि उनकी कृषि योग्य भूमि और आवासीय क्षेत्र परियोजना के लिए अधिग्रहित किए जा रहे हैं, जिससे उन्हें विस्थापन का सामना करना पड़ रहा है।

  2. पर्यावरणीय प्रभाव: कोल माइनिंग से होने वाले प्रदूषण, जल स्रोतों की कमी और वनस्पति की क्षति के कारण स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हो रहा है।

  3. सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव: आदिवासी समुदायों की सांस्कृतिक पहचान और जीवनशैली पर भी इस परियोजना का नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

विरोध की घटनाएँ

विरोध के दौरान कई स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव की घटनाएँ हुई हैं। कुछ स्थानों पर पुलिस ने बल प्रयोग किया, जबकि अन्य स्थानों पर प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। इन घटनाओं ने स्थानीय समुदायों के बीच असंतोष और आक्रोश को बढ़ावा दिया है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती की है और विरोध प्रदर्शनों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है और प्रभावित समुदायों के साथ संवाद स्थापित किया जा रहा है।

निष्कर्ष

रायगढ़ जिले में जिंदल समूह के कोल माइन परियोजना के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन यह दर्शाते हैं कि विकास परियोजनाओं को लागू करते समय स्थानीय समुदायों की सहमति और उनके अधिकारों का सम्मान करना आवश्यक है। स्थानीय निवासियों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए यदि परियोजना में आवश्यक संशोधन और सुधार किए जाते हैं, तो यह न केवल परियोजना की सफलता में योगदान करेगा, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय संतुलन भी बनाए रखेगा।

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