छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ अपनी नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ अपनी नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है।

29, 9, 2025

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छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ अपनी नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। राज्य के उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा ने सोमवार को कहा कि जो नक्सली हिंसा छोड़कर आत्मसमर्पण करेंगे, उन्हें "लाल कालीन स्वागत" मिलेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार किसी भी प्रकार की संघर्षविराम की पेशकश को अस्वीकार करती है और केवल आत्मसमर्पण को स्वीकार करेगी।

विजय शर्मा ने प्रमुख नक्सली नेताओं जैसे सोनू, वेणुगोपाल, सतीश और देव से अपील की कि वे हथियार डालें और मुख्यधारा में लौटें। उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण करने वालों को पुनर्वास और सामाजिक समावेशन की प्रक्रिया में मदद की जाएगी। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने नक्सलियों के वित्तीय नेटवर्क को कमजोर करने के लिए तेंदूपत्ता व्यापार पर प्रतिबंध लगाया है, जिससे उनकी फंडिंग में लगभग 80% की कमी आई है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस नीति का समर्थन करते हुए कहा कि नक्सलियों के लिए आत्मसमर्पण ही एकमात्र विकल्प है। उन्होंने कहा कि जो नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे, उन्हें "लाल कालीन स्वागत" मिलेगा और एक आकर्षक पुनर्वास नीति का लाभ मिलेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार किसी भी संघर्षविराम को स्वीकार नहीं करेगी और नक्सलियों से अपील की कि वे हथियार डालें और हिंसा छोड़ें।

इस नीति के तहत, छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकासात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क निर्माण और अन्य बुनियादी सुविधाओं का विकास शामिल है। सरकार का उद्देश्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास को बढ़ावा देना है, ताकि लोग मुख्यधारा में लौट सकें और समाज में समावेशी विकास हो सके।

राज्य सरकार की इस पहल को व्यापक समर्थन मिल रहा है, और यह उम्मीद की जा रही है कि इससे नक्सलवाद के खिलाफ संघर्ष में नई दिशा मिलेगी और शांति की स्थापना में मदद मिलेगी।

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