रायपुर में एक ऐसा वीडियो वायरल हो गया है जिसने पूरे प्रदेश का ध्यान अपनी ओर खींचा है।

रायपुर में एक ऐसा वीडियो वायरल हो गया है जिसने पूरे प्रदेश का ध्यान अपनी ओर खींचा है।

29, 9, 2025

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रायपुर में एक ऐसा वीडियो वायरल हो गया है जिसने पूरे प्रदेश का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इस वीडियो में एक युवक खुलेआम नशीला पदार्थ लेता दिख रहा है। उसने एक 100 रुपए के नोट का इस्तेमाल ड्रग लेने के लिए किया है — यह तस्वीर सिर्फ चौंकाने वाली ही नहीं, बल्कि बेहद दुखद और चिंताजनक है।

वीडियो में युवक कमरे के अंदर बैठा है, आसपास कोई बड़ी तैयारी नहीं दिखती। वह शांत तरीके से नशा कर रहा है। इस दृश्य को देखकर यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि उसने पहले से योजना बना रखी थी — क्योंकि इतनी निर्भयता दिखाना आसान नहीं है। यह सिर्फ एक व्यक्ति की गलती नहीं है, बल्कि यह उस सामाजिक विकृति की गहराई का संकेत है, जिसे हम अनदेखा करने की भूल करते हैं।

यह पहली घटना नहीं है। पहले भी रायपुर में, एक लड़की का ड्रग्स लेने का वीडियो होटल में सामने आया था। फिर एक अन्य वीडियो आया जिसमें लड़कों ने फार्महाउस में ड्रग पार्टी की और खुलेआम नशीला पदार्थ ले रहे थे। इन घटनाओं ने यह साबित कर दिया कि नशे का जाल सिर्फ एक या दो जगहों तक ही सीमित नहीं है — यह शहरों की गली, समाज और मानसिकता तक फैल चुका है।

जब इस वायरल वीडियो की खबर मीडिया तक पहुंची, तो लोग अवाक रह गए। सोशल मीडिया पर लोग इसे लेकर तीखी प्रतिक्रियाएँ दे रहे हैं — ऐसे वीडियो को फैलाने वालों और उस युवक की मानसिक स्थिति दोनों को लेकर चिंता जताई जा रही है। लोगों ने सोचा, क्या हमारा समाज इतना लचर हो गया है कि कोई व्यक्ति ऐसा कार्य बिना डर के कर सके? क्या पुलिस और प्रशासन इतने निष्क्रिय हैं?

वीडियो से सरकार और पुलिस को भी झटका लगा। अधिकारियों ने तुरंत मामले की जांच का आदेश दिया। युवक की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। सोशल मीडिया पोस्ट, वीडियो स्रोत और आसपास के कैमरे की फुटेज सब खंगाली जा रही है। यदि आरोपी मिलता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई होगी — FIR दर्ज होगी और संभवत: नशा विरोधी कानूनों के तहत मुकदमा चलेगा।

लेकिन इस घटना का मतलब सिर्फ गिरफ्तारी नहीं है — यह एक चेतावनी है। यह समझने की ज़रूरत है कि आज का युवा किस तरह के दबाव में है और उसे किन रास्तों से बचना चाहिए। पढ़ाई, नौकरी की तलाश, सामाजिक अपेक्षाएँ — ये सभी तनाव कारक हैं। जब कोई युवा ऐसे दबावों से गुजर रहा हो और उसे सुनने वाला न हो, तो वह नशे की ओर रुख कर सकता है। साथ ही, गलत मित्र मंडली और नशे की आसान पहुंच उसकी गिरावट को तेज कर सकते हैं।

नशा सिर्फ शरीर को नहीं तोड़ता — यह आत्मा, विचार और भविष्य को भी जर्जर कर देता है। मानसिक रोग, पारिवारिक टूट-फूट, आर्थिक पतन — ये सब आम हैं। समाज में उसका सम्मान खत्म हो जाता है, रिश्ते टूटते हैं और अंततः वह व्यक्ति अकेलेपन की छाया में खो जाता है।

रोकथाम के उपाय तो अनेक हैं, पर उन्हें क्रियान्वित करना ज़रूरी है:

  1. जागरूकता बढ़ाना – स्कूल, कॉलेज, मोहल्लों में नशे के दुष्प्रभाव पर अभियान चलाना चाहिए।

  2. परामर्श एवं सहायता केंद्र – ऐसे केंद्र खोलने चाहिए जहाँ युवक नशा मुक्ति इलाज, काउंसलिंग प्राप्त कर सकें।

  3. खुला संवाद – परिवार को चाहिए कि वे बच्चों से खुलकर बात करें, उनकी भावनाओं को समझें।

  4. क़ानूनी सख्ती – पुलिस एवं प्रशासन को चाहिए कि नशे की सप्लाई चेन को रोकें और तस्करों पर कड़ी कार्रवाई करें।

  5. सक्रिय जीवनशैली – युवाओं को खेल, कला, संगीत, सामाजिक सेवा आदि ऐसी गतिविधियों से जोड़ना चाहिए ताकि उन्हें नशे की ओर आकर्षण न हो।

यह वीडियो सिर्फ एक घटना नहीं है — यह आइसबर्ग का सिरा है। यदि हमने समय रहते इस समस्या को गंभीरता से न लिया, तो न जाने कितने और युवाओं का भविष्य इस आग में जल जाएगा। हर नागरिक, सरकार, परिवार और समाज—सभी को एकजुट होकर यह बंद करना है कि हमारे युवा नशे की गिरफ्त में न जाएँ। तब ही हम एक स्वस्थ, जागरूक और मजबूत समाज बना पाएँगे।

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