अगले चार दिनों में छत्तीसगढ़ में भारी बारिश की संभावना — 32 जिलों में येलो अलर्ट

अगले चार दिनों में छत्तीसगढ़ में भारी बारिश की संभावना — 32 जिलों में येलो अलर्ट

29, 9, 2025

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छत्तीसगढ़ के लिए मौसम विभाग ने एक बड़ी चेतावनी जारी की है: आज से अगले चार दिनों तक प्रदेश के कई हिस्सों में तेजी से बारिश, आँधी-तूफान, और बिजली गिरने की संभावना बनी हुई है। इस दौरान 32 जिलों को येलो अलर्ट जारी किया गया है।

मौसम का अनुमान और गतिविधि का कारण

मौसम विज्ञानियों के अनुसार, राज्य में बारिश की गतिविधि इस समय अधिक सक्रिय है क्योंकि एक निम्न दबाव क्षेत्र (लो प्रेशर एरिया) बनने की संभावना बनी है। इससे मानसून सिस्टम नदी-नालों में नमी खींचेगा और बादल भारी मात्रा में वर्षा फैला सकते हैं।

पिछले 24 घंटों में प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है। छुईखदान इलाके में 30 मिमी तक बारिश हुई। बारिश का मौसमी औसत अभी तक राज्यभर में मिला-जुला रहा है — उदाहरण के तौर पर बेमेतरा जिले में अब तक लगभग 519.1 मिमी वर्षा हुई है, जो सामान्य से लगभग 50 प्रतिशत कम है। वहीं दूसरी ओर बलरामपुर जिले में अत्यधिक बारिश हुई है — लगभग 1517 मिमी, जो सामान्य से लगभग 52 प्रतिशत अधिक है।

मौसम विभाग ने ये भी बताया है कि बारिश की लकीर गुजरात से उत्तर प्रदेश की तरफ चल रही है, जिसमें छत्तीसगढ़ मध्य में फँसा हुआ है। दक्षिण ओडिशा और इसके आसपास की गिरने वाली प्रणालियाँ भी राज्य के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों पर प्रभाव डाल सकती हैं।

किन जिलों पर विशेष सतर्कता

32 जिलों को येलो अलर्ट के अंतर्गत रखा गया है। इन जिलों में आमतः निम्नलिखित गतिविधियाँ संभावित हैं:

  • गरज-चमक के साथ तेज वर्षा

  • आंधी-तूफान की हल्की-तेज़ झड़पें

  • बिजली गिरने की घटनाएँ

  • स्थानीय बाढ़, नालों का उफान

  • सड़कें बंद या जलमग्न होना

असल में, यह चेतावनी कहती है कि इन जिलों में रहने वाले निवासियों को पूरी सतर्कता अपनानी चाहिए — कहीं भी अतिरिक्त जोखिम लेने से बचना चाहिए।

संभावित प्रभाव और चुनौतियाँ

  1. बाढ़-उफान एवं जलभराव
    नदी-नाले उफान पर आ सकते हैं, जिससे आसपास के इलाके जलमग्न हो सकते हैं। सड़कें व गलियां पानी में बंद हो सकती हैं।

  2. रोक-टोक और यातायात बाधाएँ
    बारिश और पानी भर जाने के कारण ट्रैफिक जाम, पुलों का बह जाना, सड़क टूटना जैसी समस्याएँ सामने आ सकती हैं।

  3. बिजली गिरने की समस्या
    तूफानी हवाओं व बिजली गिरने की घटनाओं से बिजली काटने, पेड़ उखड़ने, उपकरणों को नुकसान पहुंचने का खतरा होगा।

  4. कृषि व फसलों को नुकसान
    खेतों में पानी जमा हो जाना, पौधों की जड़ें खराब हो जाना, मृदा अपरदन आदि समस्याएँ हो सकती हैं।

  5. स्वास्थ्य जोखिम
    गंदे पानी से रोग फैलना, ठंड, सर्दी जुकाम की आशंका बढ़ना, और बारिश में चलने-फिरने में दुर्घटनाएं।

क्या करें — सावधानियाँ एवं तैयारी

  • अस्त-व्यस्त ड्रेनेज व जल निकासी सिस्टम सुधारें: घरों के आसपास के सेह रहे नालों को साफ रखें ताकि जल निकल सके।

  • बिजली उपकरण बंद रखें: बारिश के समय इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों या पंखे, एसी आदि को प्लग से हटाकर रखें।

  • पेड़ों और तारों से दूरी बनाएं: बिजली गिरने का खतरा अधिक होगा — खुले मैदान में नहीं रहें।

  • उच्च स्थानों पर रहें: निचले इलाकों या नदी किनारे रहने से बचें।

  • बचाव सामग्री रखें तैयार: टॉर्च, बैटरी, प्राथमिक चिकित्सा किट, रेनकोट, मजबूत जूते आदि।

  • जानकारी अपडेट लें: रेडियो, समाचार चैनल या सरकार द्वारा जारी अपडेट्स को ध्यान से देखें।

  • जरूरत पड़ने पर समय रहते सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरण करें: यदि पानी बढ़े या खतरा अधिक हो, तो निकट सुरक्षित स्थानों की तरफ जाएं।

निष्कर्ष

यह मौसम चेतावनी सिर्फ एक सामान्य अलर्ट नहीं है — यह एक सावधानी की पुकार है। इन चार दिनों में राज्यभर में बारिश की गतिविधि तेज होने की उम्मीद है, और 32 जिलों को विशेष सतर्कता की जरूरत है।

निवासियों को चाहिए कि वे स्वयं एवं अपने परिवारों की सुरक्षा के प्रति सजग रहें, बाधित मार्गों या फंसी जगहों से बचें, और मौसम विभाग की सलाहों का पालन करें। यदि हमें समय रहते तैयारी करनी है, तो हर कदम सोच–समझकर उठाना होगा — तभी हम इन कठिन मौसम स्थितियों से सुरक्षित निकर सकेंगे।

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