अंबिकापुर शहर में सामुदायिक शौचालयों की वास्तविकता सरकारी दावों से काफी अलग है।

अंबिकापुर शहर में सामुदायिक शौचालयों की वास्तविकता सरकारी दावों से काफी अलग है।

29, 9, 2025

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अंबिकापुर शहर में सामुदायिक शौचालयों की वास्तविकता सरकारी दावों से काफी अलग है। प्रशासन के रिकॉर्ड में भले ही ये शौचालय पूरे दिखाए गए हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि बिना पानी की टंकियों के 50 सामुदायिक शौचालय पूरी तरह बेकार हैं। स्थानीय नागरिकों को न तो स्वच्छता की सुविधा मिल पा रही है और न ही सरकार की योजनाओं का कोई लाभ।


कागजों पर पूरी, जमीन पर अधूरी योजना

सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक अंबिकापुर के कई स्थानों पर सामुदायिक शौचालय बनाए गए हैं, जिनका उद्देश्य शहर की स्वच्छता और ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देना था। लेकिन इनमें से करीब 50 शौचालयों में न तो पानी की टंकियां लगाई गई हैं और न ही जल आपूर्ति की कोई व्यवस्था है। इसके चलते ये शौचालय बस कागजी रूप से पूरी मानी गई हैं जबकि जनता इन्हें इस्तेमाल नहीं कर पा रही है।


पानी की टंकी नहीं, सुविधा बेकार

अंबिकापुर के नागरिकों ने बताया कि शौचालयों तक पहुंच तो आसान है, लेकिन अंदर पानी की व्यवस्था न होने से इनका इस्तेमाल करना तकरीबन असंभव है। प्रशासन की तरफ से बार-बार आश्वासन तो मिला, लेकिन जमीनी स्तर पर समस्या जस की तस है। बिना पानी के शौचालयों की सफाई करते रहना भी बड़ा चुनौतीपूर्ण है।


नीचे दिए गए डेटा से स्पष्ट है कि पानी की टंकियां शहर में कई जगहों पर उपलब्ध हैं, फिर भी इन सामुदायिक शौचालयों में इन्हें स्थापित नहीं किया गया।


नागरिकों की समस्याएं

स्थानीय नागरिकों के मुताबिक जब सुबह या शाम के समय शौचालयों का प्रयोग करना होता है तो पानी के अभाव में बार-बार परेशानी आती है। महिलाएं और बच्चे इस हालात में सबसे ज़्यादा प्रभावित होते हैं।


कुछ सामुदायिक शौचालयों में दरवाजे नहीं लगे हैं, जिससे सुरक्षा की भी समस्या है।


नियमित सफाई नहीं होने की वजह से संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।


कई बार नागरिकों को खुले में शौच के लिए मजबूर होना पड़ता है, जिससे अंबिकापुर में स्वच्छता अभियान पूरी तरह प्रभावित हो रहा है।


प्रशासन की प्रतिक्रिया

कुछ स्थानीय जल टंकी विक्रेताओं का कहना है कि उत्पादन और आपूर्ति में कोई कमी नहीं है, प्रशासन चाहे तो हर शौचालय में आसानी से पानी की टंकी लगवा सकता है। नगर निगम की सफाई सेवा भी उपलब्ध है, लेकिन सही निगरानी व निष्पादन के आभाव में समस्याएं बनी हुई हैं।


सुधार के लिए नागरिकों की मांग

शहरवासी प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि प्रत्येक सामुदायिक शौचालय में जल आपूर्ति और पानी की टंकी अनिवार्य तौर पर लगवाई जाए। नागरिकों के अनुसार:


स्वच्छता अभियान तभी सफल होगा जब शौचालय पूरी तरह चालू और साफ रहें।


पानी की टंकी लगवाकर हर वर्ग को स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण मिले।


नियमित सफाई, मरम्मत और निगरानी के लिए अलग टीम नियुक्त की जाए।


निष्कर्ष

अंबिकापुर के सामुदायिक शौचालय महज सरकारी आंकड़ों का हिस्सा बनकर रह गए हैं। पानी की टंकी न होने से इनकी उपयोगिता समाप्त होती जा रही है, जिससे नगर निगम और सरकार के स्वच्छता के सपने अधूरे हैं। जब तक सिस्टम जमीनी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सुधार नहीं करता, तब तक ये योजनाएं आम नागरिकों के लिए बेकार ही साबित होती रहेंगी।


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