अंबिकापुर में शारदीय नवरात्रि: गरबा के रंगों में रंगा शहर

अंबिकापुर में शारदीय नवरात्रि: गरबा के रंगों में रंगा शहर

29, 9, 2025

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छत्तीसगढ़ राज्य के अंबिकापुर शहर में शारदीय नवरात्रि के अवसर पर गरबा उत्सव ने शहरवासियों को एक नई ऊर्जा और उल्लास से भर दिया। इस वर्ष गरबा और डांडिया प्रतियोगिता में क्षेत्र की कई प्रतिभाशाली टीमों ने हिस्सा लिया, जिससे उत्सव और भी रंगीन और जीवंत हो गया।

गरबा की धूम

नवरात्रि के नौ दिनों तक शहर के विभिन्न पंडालों में गरबा की धूम मची रही। लोग पारंपरिक परिधानों में सजे-धजे, डांडिया थामे, माता रानी की भक्ति में झूमते हुए गरबा नृत्य करते रहे। हर दिन एक विशेष रंग के साथ गरबा का आयोजन किया गया, जिससे उत्सव में और भी रंगत आ गई।

पंडालों की सजावट

गरबा पंडालों की सजावट इस वर्ष विशेष रूप से आकर्षक थी। पंडालों में रंग-बिरंगे दीपों की लाइटिंग, फूलों की सजावट और पारंपरिक कलाकृतियों ने वातावरण को और भी भव्य बना दिया। हर पंडाल में देवी दुर्गा की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई थी, जिसके दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही।

सांस्कृतिक कार्यक्रम

गरबा के अलावा, नवरात्रि के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। स्थानीय कलाकारों ने नृत्य, संगीत और नाटक प्रस्तुत किए, जिससे दर्शकों का मनोरंजन हुआ। इन कार्यक्रमों ने न केवल धार्मिक भावना को बढ़ावा दिया, बल्कि शहरवासियों के बीच सांस्कृतिक एकता को भी प्रगाढ़ किया।

समाज में जागरूकता

इस प्रकार के आयोजनों से समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ती है। लोग अपनी परंपराओं और संस्कृति के प्रति जागरूक होते हैं और उन्हें संरक्षित करने का प्रयास करते हैं। इसके अलावा, ऐसे आयोजनों से समाज में एकता और भाईचारे की भावना भी मजबूत होती है।

निष्कर्ष

अंबिकापुर में आयोजित शारदीय नवरात्रि का गरबा उत्सव न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण था। ऐसे आयोजनों से समाज में सकारात्मक बदलाव आते हैं और लोग अपने कर्तव्यों को समझकर उन्हें निभाने की दिशा में अग्रसर होते हैं।

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