माकरी के मां हिंगलाज भवानी मंदिर में 75 ज्योति कलश प्रज्ज्वलन: श्रद्धा और सामूहिक भक्ति का अद्भुत संगम

माकरी के मां हिंगलाज भवानी मंदिर में 75 ज्योति कलश प्रज्ज्वलन: श्रद्धा और सामूहिक भक्ति का अद्भुत संगम

29, 9, 2025

9

image

छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के ग्राम माकरी में स्थित मां हिंगलाज भवानी मंदिर में शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर 75 ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए गए। यह धार्मिक आयोजन न केवल श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक था, बल्कि ग्रामवासियों और आस-पास के क्षेत्रों के लोगों को एकत्रित करके सामूहिक भक्ति और एकता का अद्भुत अनुभव प्रदान करने वाला अवसर भी था।

मंदिर और उसकी धार्मिक महत्ता

मां हिंगलाज भवानी मंदिर इस क्षेत्र में प्राचीन धार्मिक स्थलों में से एक है। यहाँ हर वर्ष नवरात्रि के अवसर पर विशेष आयोजन किए जाते हैं, जिसमें स्थानीय और दूर-दराज के श्रद्धालु भाग लेते हैं। मंदिर का इतिहास और यहां की धार्मिक परंपराएं इसे धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाती हैं। मंदिर परिसर में स्थापित देवी भवानी की भव्य प्रतिमा श्रद्धालुओं के लिए भक्ति और श्रद्धा का केंद्र है।

75 ज्योति कलश का आयोजन

इस वर्ष शारदीय नवरात्रि पर 75 ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए गए। प्रत्येक कलश में दीप और आहुति डालकर माता भवानी की आराधना की गई। कलश प्रज्ज्वलन का यह आयोजन सुबह से लेकर देर रात तक चलता रहा। श्रद्धालु इस अवसर पर विशेष भजन, कीर्तन और मंत्रोच्चारण करते हुए माता की स्तुति में लीन रहे। इस अवसर पर मंदिर परिसर को विशेष रूप से सजाया गया था, जिसमें रंग-बिरंगे दीप, फूलों की सजावट और पारंपरिक कलाकृतियों ने वातावरण को भव्य और भक्तिमय बना दिया।

श्रद्धालुओं की सहभागिता

इस आयोजन में स्थानीय ग्रामीणों के साथ-साथ आस-पास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आए। उन्होंने अपने परिवार के साथ मिलकर पूजा-अर्चना की और कलश प्रज्ज्वलन में भाग लिया। महिलाएं पारंपरिक पोशाकों में सजी-धजी थीं, और पुरुष भी धार्मिक वेशभूषा में माता की भक्ति में लीन दिखाई दे रहे थे। युवा और वृद्ध, सभी ने मिलकर इस पावन अवसर का हिस्सा बनकर सामूहिक भक्ति का आनंद लिया।

भजन और कीर्तन का महत्व

कलश प्रज्ज्वलन के दौरान भजन और कीर्तन का आयोजन किया गया। भक्तजन ‘जय भवानी माता’ और ‘माता के दरबार में दीप जलाए’ जैसे भजनों का गायन करते रहे। भजन और कीर्तन ने वातावरण को और भी भक्तिमय और धार्मिक बना दिया। यह न केवल श्रद्धालुओं के मन को शांति प्रदान करने वाला अनुभव था, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक बन गया।

सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव

मां हिंगलाज भवानी मंदिर में आयोजित यह कार्यक्रम केवल धार्मिक महत्व का नहीं था। इस आयोजन के माध्यम से ग्राम माकरी और आसपास के क्षेत्रों के लोगों में सामूहिक एकता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा मिला। लोग मिलकर मंदिर की सजावट में, पूजा-अर्चना में और कलश प्रज्ज्वलन में भाग लेकर अपने समाज में सहयोग और सहभागिता का संदेश देते हैं। यह आयोजन ग्रामीण समाज में सांस्कृतिक जागरूकता और धार्मिक आस्था दोनों को मजबूती प्रदान करता है।

मंदिर का सजावट और तैयारी

इस वर्ष मंदिर परिसर को विशेष रूप से सजाया गया था। मुख्य पंडाल में देवी भवानी की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई थी। कलशों के लिए अलग-अलग स्थानों पर विशेष मंच और दीपों की सजावट की गई थी। फूलों से सजी गलियाँ और रंग-बिरंगी लाइटिंग ने整个 मंदिर परिसर को रात में अद्भुत रूप दिया। श्रद्धालुओं ने मंदिर की साफ-सफाई में भी सक्रिय रूप से भाग लिया, जिससे सभी को एक सकारात्मक और स्वागतपूर्ण अनुभव मिला।

धार्मिक और आध्यात्मिक संदेश

75 ज्योति कलश प्रज्ज्वलन का धार्मिक और आध्यात्मिक संदेश यह है कि सामूहिक भक्ति, निष्ठा और श्रद्धा के माध्यम से मनुष्य अपने जीवन में शांति, सकारात्मक ऊर्जा और संतुलन प्राप्त कर सकता है। इस आयोजन ने लोगों को यह भी याद दिलाया कि धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यक्रम समाज में आपसी सद्भाव और सहयोग की भावना को बढ़ाते हैं।

निष्कर्ष

माकरी के मां हिंगलाज भवानी मंदिर में 75 ज्योति कलश प्रज्ज्वलन का आयोजन श्रद्धा, भक्ति और सामूहिक एकता का अद्भुत उदाहरण रहा। इस आयोजन ने केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से लोगों को समृद्ध नहीं किया, बल्कि समाज में भाईचारे और सहयोग की भावना को भी मजबूत किया।

यह आयोजन यह संदेश देता है कि धर्म केवल व्यक्तिगत आस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि सामूहिक सहभागिता और समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देने का माध्यम भी है। ग्राम माकरी और आसपास के क्षेत्रों के लोग इस आयोजन के माध्यम से यह अनुभव कर सकते हैं कि भक्ति और श्रद्धा केवल आत्मिक शांति ही नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव और सहयोग का भी साधन है।

इस प्रकार, मां हिंगलाज भवानी मंदिर में आयोजित 75 ज्योति कलश प्रज्ज्वलन ने शारदीय नवरात्रि के इस पावन अवसर को और भी यादगार बना दिया और सभी उपस्थित लोगों के मन में माता भवानी के प्रति गहरी श्रद्धा और भक्ति का भाव जागृत किया।

Powered by Froala Editor