सुकमा में स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान: 21,000 से अधिक ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण

सुकमा में स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान: 21,000 से अधिक ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण

29, 9, 2025

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छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में ग्रामीण स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने ‘स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान’ का आयोजन किया। इस अभियान का उद्देश्य केवल स्वास्थ्य परीक्षण तक सीमित नहीं था, बल्कि ग्रामीण समाज में स्वास्थ्य जागरूकता और महिलाओं तथा बच्चों की सेहत को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम था।

अभियान का महत्व

स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और बच्चों की स्वास्थ्य समस्याओं का समय पर पता लगाना और उनका उपचार सुनिश्चित करना था। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और लोगों में जागरूकता का अभाव लंबे समय से एक चुनौती रहा है। इस अभियान ने इन चुनौतियों का समाधान निकालने की दिशा में एक सकारात्मक पहल की।

अभियान के दौरान, जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों और गांवों में कुल 106 स्वास्थ्य शिविर और 14 विशेष शिविर आयोजित किए गए। इन शिविरों में महिलाओं, पुरुषों और बच्चों सभी की जांच की गई। विशेष ध्यान महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य पर केंद्रित था, क्योंकि यह समाज की सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण श्रेणियाँ हैं।

21,000 से अधिक ग्रामीणों का परीक्षण

अभियान के दौरान कुल 21,000 से अधिक ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इस बड़ी संख्या में ग्रामीणों का शामिल होना इस बात का प्रमाण है कि लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। ग्रामीणों को न केवल परीक्षण के लिए आमंत्रित किया गया, बल्कि उन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ भी दी गईं।

स्वास्थ्य परीक्षण में सामान्य स्वास्थ्य जाँच, रक्त परीक्षण, ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, दृष्टि परीक्षण और बच्चों की विकास संबंधी जाँच शामिल थी। इसके अलावा, महिलाओं की विशेष जाँच जैसे गर्भावस्था, पोषण स्तर और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की जानकारी भी ली गई।

स्वास्थ्य शिविरों की तैयारी और संचालन

अभियान की सफलता में स्वास्थ्य शिविरों की तैयारी और संचालन का विशेष योगदान रहा। स्वास्थ्य केंद्रों और ग्राम पंचायतों के सहयोग से शिविरों का आयोजन किया गया। डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों ने ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच की और उन्हें आवश्यक परामर्श प्रदान किया।

शिविरों में उपस्थित स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ग्रामीणों को जीवनशैली में सुधार, संतुलित आहार, साफ-सफाई, व्यक्तिगत स्वच्छता और रोग निवारण के उपायों के बारे में जानकारी दी। यह पहल न केवल वर्तमान स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करती है, बल्कि भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता फैलाने में भी मददगार है।

महिलाओं की भूमिका और सशक्तिकरण

अभियान में महिलाओं की भूमिका को विशेष महत्व दिया गया। महिलाओं को स्वास्थ्य और पोषण के प्रति जागरूक किया गया और उन्हें प्रेरित किया गया कि वे परिवार और समाज में स्वास्थ्य सुधार के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं।

महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है। जब महिलाएँ स्वस्थ रहती हैं, तो उनका परिवार भी स्वस्थ रहता है। इसलिए इस अभियान का महिलाओं पर विशेष फोकस ग्रामीण समाज के स्वास्थ्य और सशक्तिकरण दोनों के लिए महत्वपूर्ण था।

बच्चों का स्वास्थ्य और विकास

अभियान में बच्चों के स्वास्थ्य की जांच भी प्रमुख रूप से की गई। बाल विकास की निगरानी, पोषण स्तर, टीकाकरण की स्थिति और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की जानकारी प्राप्त की गई। इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया कि बच्चों को समय पर उपचार और पोषण मिल सके और उनकी शारीरिक और मानसिक वृद्धि सही ढंग से हो सके।

सामाजिक जागरूकता और सहयोग

स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान ने ग्रामीण समाज में स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने का भी कार्य किया। इस पहल से ग्रामीणों में यह संदेश गया कि स्वास्थ्य केवल व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सामूहिक प्रयास का परिणाम है।

गांवों में शिविरों का संचालन स्थानीय पंचायतों और सामाजिक संगठनों की सहायता से किया गया। इससे ग्रामीण समाज में सहयोग और सहभागिता की भावना मजबूत हुई और लोगों ने स्वास्थ्य के महत्व को समझा।

भविष्य की दिशा

स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान केवल एक दिन का आयोजन नहीं है। इसका उद्देश्य दीर्घकालिक स्वास्थ्य जागरूकता फैलाना और समाज में महिलाओं तथा बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है। स्वास्थ्य विभाग ने यह आश्वासन दिया है कि भविष्य में भी इस तरह के अभियान जारी रहेंगे और ग्रामीण समाज को स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।

निष्कर्ष

सुकमा जिले में आयोजित यह अभियान स्वास्थ्य, जागरूकता और सशक्तिकरण का उत्कृष्ट उदाहरण है। 21,000 से अधिक ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण न केवल स्वास्थ्य सुधार के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में सामूहिक सहयोग, जागरूकता और महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की भावना को भी प्रकट करता है।

इस अभियान ने यह स्पष्ट कर दिया कि यदि सही दिशा में प्रयास किए जाएँ, तो ग्रामीण समाज में स्वास्थ्य जागरूकता और सशक्तिकरण को बढ़ावा देना संभव है। यह पहल अन्य जिलों और राज्यों के लिए भी प्रेरणास्पद उदाहरण प्रस्तुत करती है कि कैसे स्वास्थ्य और सशक्तिकरण को एक साथ जोड़ा जा सकता है।

स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान ने साबित किया कि जब ग्रामीण समाज में स्वास्थ्य जागरूकता और महिलाओं की भूमिका को महत्व दिया जाता है, तो पूरे परिवार और समाज का स्वास्थ्य सुधरता है। यह अभियान आने वाले वर्षों में भी समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।

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