जंगल में जुए का अड्डा: कवर्धा पुलिस ने किया बड़ा खुलासा

जंगल में जुए का अड्डा: कवर्धा पुलिस ने किया बड़ा खुलासा

29, 9, 2025

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छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। रेंगाखार थाना क्षेत्र के मोतिनपुर जंगल में पुलिस को सूचना मिली कि वहाँ कुछ लोग जुआ खेल रहे हैं। सूचना पाकर स्वतंत्रता दिवस की शाम को पुलिस ने घात लगाकर छापेमारी की। जैसे ही नाराज पुलिस टीम जंगल की तरफ बढ़ी, कई जुआरी भागने लगे। लेकिन पुलिस की सतर्कता काम आई — आठ आरोपित पकड़ लिए गए। घटनास्थल से नकद और अन्य जुए से जुड़े सामग्री भी जब्त हुई है। 


घटना का क्रम और बरामदगी

  • सूचना मिलने पर पुलिस ने मोतिनपुर जंगल की ओर एक कार्रवाई की। 

  • जैसे ही पुलिस पहुंची, कई लोग भागने लगे। लेकिन आठ आरोपी पकड़ लिए गए। 

  • मौके से ₹54,700 नकद जब्त हुआ। 

  • इसके अलावा ₹58,000 मूल्य के मोबाइल फोन, ताश की गड्डी और प्लास्टिक चटाई भी बरामद की गई। 

  • कुल मिलाकर लगभग ₹1,12,000 की जब्ती हुई। 

  • शिकायत पर आरोपितों के खिलाफ जुआ प्रतिषेध अधिनियम (Prohibition of Gambling Act / संबंधित कानून) के तहत कार्रवाई की गई। 


आरोपी कौन और क्या पूछताछ में सामने आया

अभी तक पुलिस द्वारा उपलब्ध जानकारी के अनुसार, आरोपितों ने छापे के समय भागने की कोशिश की। उनकी पहचानें की जा रही हैं। शुरुआती पूछताछ में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि ये लोग इस जुए के अड्डे को कब से चला रहे थे और इस कार्रवाई में और कौन-कौन शामिल हो सकते हैं। 

पुलिस यह भी जाँच कर रही है कि यह अड्डा सिर्फ स्थानीय स्तर पर था या यह किसी बड़े जुए नेटवर्क से जुड़ा हुआ था। मोबाइल कॉल रिकॉर्ड, रिश्तेदारों का ब्योरा, लेन-देनों का हिसाब आदि सब चेक किए जा रहे हैं।


यह कार्रवाई क्यों महत्वपूर्ण है?

इस घटना को सिर्फ एक गिरफ्तारी के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, इसके कई बड़े मायने हैं:

  1. कानून का दबदबा दिखाना
    जंगलों या दूरदराज़ इलाकों में अवैध गतिविधियों को अंजाम देना आसान हो जाता है क्योंकि वहां कम निगरानी होती है। ऐसी कार्रवाई यह संदेश देती है कि पुलिस कहीं भी पहुँच सकती है और गैरकानूनी कामों को बर्दाश्त नहीं करेगी।

  2. अवैध गतिविधियों पर अंकुश
    जुआ तो एक सामाजिक बुराई मानी जाती है। इससे जुड़े दुष्परिणाम — आर्थिक समस्या, कलह, अपराध — बढ़ सकते हैं। इस तरह की कार्रवाई से ऐसे खतरे कम होंगे।

  3. नेटवर्क की संभावना
    जब एक अड्डे का खुलासा हो जाता है, तो संभावना है कि वह किसी बड़े जुआ तंत्र का हिस्सा हो। इसे खोलना और उसके सारे जुड़े संबंधों को बेनकाब करना जरूरी है।

  4. अन्य अपराधों में लिंक
    अक्सर जुए के अड्डों में पैसों की हेराफेरी, लेन-देन गुप्त तरीके से होते हैं। गिरफ्तारी से यह पता चल सकता है कि यह अड्डा अन्य अपराधों जैसे कि उगाही, सट्टा, ब्लैक मार्केट आदि से कितना जुड़ा है।


चुनौतियाँ और भविष्य की कार्रवाई

हालाँकि यह गिरफ्तारी एक बड़ी सफलता है, लेकिन अभी बहुत काम बाकी है:

  • अभी यह पता लगाना है कि यह केवल एक छोटे पार्टी द्वारा संचालित था या इससे जुड़े अन्य इलाके और लोग भी हैं।

  • आरोपितों की असली भूमिका और उनकी कमर में कौन हैं — यह खोजना है।

  • जुए के अड्डे के संचालन के लिए इस्तेमाल हुए तकनीकी और फिज़िकल साधन — मोबाइल, ताश के उपकरण, नकदी लेन-देन रिकॉर्ड — इनकी जाँच करना होगी।

  • जंगल जैसी जटिल भौगोलिक जगहों में निगरानी बढ़ाना, गश्त व्यवस्था सुदृढ़ करना, लोक सूचना तंत्र चालू रखना।

  • स्थानीय लोगों को जागरूक करना कि इस तरह की गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

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