कवर्धा में भीषण हादसा: बोर खनन ट्रक 50 फीट गहरी खाई में गिरा, 5 मजदूरों की मौत

कवर्धा में भीषण हादसा: बोर खनन ट्रक 50 फीट गहरी खाई में गिरा, 5 मजदूरों की मौत

29, 9, 2025

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कबीरधाम जिले के कुकदूर थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक दुर्घटना हुई है। एक बोर खनन ट्रक अनियंत्रित होकर लगभग 50 फीट गहरी खाई में गिर गया। इस हादसे में पाँच मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि चार अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। ट्रक शहडोल से बेमेतरा की ओर जा रहा था, लेकिन रास्ते में यह हादसा हो गया। Nai Dunia


हादसे का पूरा क्रम

सुबह करीब 7:30 बजे के आसपास, ट्रक टीएन 88 डी 1702 मार्ग छाटा गांव के पास मोड़ पर पहुंचा। बताया गया है कि अचानक वाहन संतुलन खो बैठा और खाई में पलट गया। सामने का पहिया टूट गया और वाहन के हिस्से बिखर गए। 

खाई में कुचली हालत में कई मजदूर फंस गए। राहगीरों ने हादसे की आवाज सुनी और तुरंत 112 को कॉल कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस और स्थानीय लोग तुरंत दुर्घटना स्थल पर पहुँच गए। 

मरने वालों के नामों में शामिल हैं:

  • गजेंद्र राम (30), ग्राम ठेठे टांगर, थाना कुनकुरी, जिला जशपुर 

  • सुभाष राम (25), ग्राम बरागजोर, थाना कुनकुरी 

  • हरीश (19), ग्राम बरागजोर 

  • देवधर (45), ग्राम नारियरढार, कोका भरी, थाना भंसानेल, जिला जशपुर 

  • राज (50), ग्राम तिर चूमगोड़, थाना नामकल, जिला नामकल 

घायलों में शामिल हैं:

  • हरिवलगन (चालक) 

  • सागर (45) 

  • बलराम देवाय (25) 

  • भीमाराम (19) 

कई घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल कवर्धा भेजा गया। कुछ ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। 


कारण और जांच का दायरा

थाना पुलिस ने प्रारंभिक तौर पर ब्रेक फेल होने की आशंका जताई है। वाहन की तकनीकी जाँच चल रही है। 

चालक हरिवलगन से पूछताछ जारी है, ताकि यह पता चले कि हादसे से पहले वाहन की स्थिति कैसी थी और उसमें कौन-कौन सवार थे। 

अवैध ओवरलोडिंग की संभावना को भी खारिज नहीं किया गया है। ट्रक में कई मजदूर सवार थे, संभव है कि वाहन अपनी लेनदारी से अधिक भार वहन कर रहा था।


सरकार की प्रतिक्रिया और राहत

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस दुर्घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने और घायलों को 50,000 रुपये अनुग्रह राशि देने के निर्देश दिए हैं। 

प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन ने राहत-कार्य शुरू कर दिए हैं। घायलों को बेहतर इलाज की सुविधा मुहैया कराने और मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की गई है। 


सामाजिक और चुनौतियाँ

यह हादसा कई गंभीर सवाल खड़े करता है:

  1. सुरक्षा मानकों की अनदेखी:
    वाहन संचालन में सुरक्षा मानकों की अनदेखी दिखती है — जैसे कि ब्रेक सिस्टम की ठीक से देखरेख न होना, ओवरलोडिंग, वाहन तकनीक की कमी इत्यादि।

  2. रघुत्तरी सड़क और मोड़:
    山区 इलाकों में सड़क मोड़ अधिक होते हैं और ढलान भी तीव्र हो सकता है। ऐसे रास्तों में वाहन की निगरानी, संकेत बोर्ड और बेहतर सड़क निर्माण जरूरी है।

  3. फोरेंसिक और तकनीकी जाँच की आवश्यकता:
    वाहन के टूटे पुर्जों, ब्रेक सिस्टम, वाहन के रिकॉर्ड, और ड्राइवर के बयान के आधार पर विस्तृत जाँच होनी चाहिए।

  4. राहत एवं मेडिकल इंफ़्रास्ट्रक्चर:
    दूरदराज़ इलाकों में आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधाएँ कम होती हैं। ऐसे समय पर तुरंत पहुंच और बेहतर इलाज नहीं मिल पाना घातक साबित हो सकता है।

  5. नियंत्रण और निरीक्षण तंत्र:
    परिवहन विभाग, सड़क सुरक्षा निगम और स्थानीय प्रशासन को मिलकर नियमित निरीक्षण करना चाहिए ताकि वाहनों की स्थिति, फिटनेस और संचालन सुनिश्चित किया जा सके।

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