उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा बने ‘सफाईकर्मी’: गांधी जयंती पर की अनूठी पहल

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा बने ‘सफाईकर्मी’: गांधी जयंती पर की अनूठी पहल

29, 9, 2025

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गांधी जयंती के अवसर पर छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने एक सशक्त संदेश दिया कि स्वच्छता सिर्फ नारा नहीं, हर नागरिक का दायित्व है। उन्होंने अपने गृह ग्राम कवर्धा के स्वामी करपात्री जी स्कूल में श्रमदान करते हुए कक्षा, पंखे और स्कूल मैदान की सफाई की। पंखों की धूल उन्होंने खुद झाड़ लगाकर साफ की और स्कूल के ग्राउंड में झाड़ू लगाई, साथ ही पौधारोपण भी किया।

इस पहल की खास बात यह थी कि उन्होंने उसी कक्षा में सफाई की जहाँ उन्होंने अपने छात्र जीवन में पढ़ाई की थी — यह हटकर कदम लोगों के बीच प्रेरणास्त्रोत बन गया।


स्वच्छता ही सेवा अभियान और संदेश

यह पहल छत्तीसगढ़ सरकार की स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत की गई थी। विजय शर्मा ने इस अवसर पर साफ किया कि स्वच्छता सिर्फ सफाई कर्मियों की जिम्मेदारी नहीं है — हर नागरिक का फ़र्ज है कि वह अपने आस-पास की व्यवस्था को स्वच्छ बनाए।

उन्होंने कहा कि यदि स्कूल परिसर स्वच्छ होगा, तो विद्यार्थी भी बेहतर मन से पढ़ाई करेंगे। साथ ही, सफाई व्यवस्था के साथ पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश वह इस श्रमदान के ज़रिए देना चाहते हैं।


स्कूल में अनुभव और भावनाएँ

उप मुख्यमंत्री ने अपने छात्र जीवन की स्मृतियाँ साझा कीं। उन्होंने बताया कि जब वे छात्र थे, तो उन्होंने उसी स्कूल की कक्षा में बैठकर पढ़ाई की थी। आज उसी जगह जाकर सफाई करने का अनुभव उनके लिए भावुक रहा।

उन्होंने शिक्षकों, सहपाठियों और स्थानीय लोगों की यादों का जिक्र किया और कहा कि इस स्कूल ने उनके जीवन को आकार दिया। आज जब वही स्कूल स्मार्ट क्लास आदि उन्नत सुविधाओं के साथ आगे बढ़ रहा है, तो वह गर्व की बात है।


पौधारोपण और आगे की योजनाएँ

स्वच्छता के बाद विजय शर्मा ने स्कूल परिसर में पौधे लगाए। उनका मानना है कि सिर्फ सफाई ही नहीं, हरियाली भी ज़रूरी है। पौधे जीवन को संतुलन देते हैं और स्कूल परिसर को स्वास्थ्यप्रद वातावरण बनाते हैं।

वहीं उन्होंने यह भी कहा कि कवर्धा जिले में अन्य स्कूलों में भी इस तरह की पहल कराई जाएगी — स्वच्छता, पौधारोपण और बेहतर शैक्षिक सुविधाओं पर जोर दिया जाएगा।


क्या असर होगा — और संदेश

  • यह कार्य एक प्रतीक बन गया कि नेतृत्व शब्दों से नहीं, कर्मों से संदेश दे सकता है।

  • युवाओं और विद्यार्थियों में यह उदाहरण स्थापित करेगा कि स्वच्छता व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी है, न कि केवल ज़िम्मेदारियों का बोझ।

  • सरकार और जनता के बीच यह सेतु होगा — जब जनता यह देखे कि नेता स्वयं भाग ले रहे हैं, तो भरोसा बढ़ेगा।

  • स्कूलों में स्वच्छता, हरियाली और छात्रों की भागीदारी बढ़ेगी जिससे शैक्षिक माहौल बेहतर होगा।

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