छत्तीसगढ़: नक्सल प्रभावित बीजापुर में जंगल युद्ध प्रशिक्षण कॉलेज की स्थापना

छत्तीसगढ़: नक्सल प्रभावित बीजापुर में जंगल युद्ध प्रशिक्षण कॉलेज की स्थापना

11, 8, 2025

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छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में एक नया जंगल युद्ध प्रशिक्षण कॉलेज स्थापित करने की घोषणा की है। यह कॉलेज राज्य की सुरक्षा बलों को उन्नत जंगल युद्ध तकनीकों में प्रशिक्षित करेगा, जिससे नक्सल विरोधी अभियानों की क्षमता में वृद्धि होगी।


📍 बीजापुर का चयन और ऐतिहासिक संदर्भ

बीजापुर जिला, जो कभी नक्सलियों का मजबूत गढ़ माना जाता था, अब सुरक्षा बलों के नियंत्रण में है। यह क्षेत्र, विशेष रूप से कर्रगुड़ा पहाड़ियों का चयन, नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए सफल अभियानों का परिणाम है। इस क्षेत्र में नक्सलियों के प्रशिक्षण शिविरों को ध्वस्त किया गया है, और अब यहां एक आधिकारिक प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की जा रही है।


🎯 प्रशिक्षण कॉलेज की विशेषताएँ

  • स्थान: कर्रगुड़ा पहाड़ियाँ, बीजापुर जिला

  • लक्ष्य: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), छत्तीसगढ़ पुलिस, जिला रिजर्व गार्ड (DRG), कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन (CoBRA) और अन्य सुरक्षा बलों को जंगल युद्ध और आतंकवाद विरोधी अभियानों में विशेष प्रशिक्षण प्रदान करना।

  • सुविधाएँ: आधुनिक प्रशिक्षण उपकरण, जंगल युद्ध के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए अभ्यास क्षेत्र, और अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा मार्गदर्शन।


🔧 राज्य और केंद्र सरकार की भूमिका

इस परियोजना का निर्माण केंद्रीय सरकार द्वारा किया जाएगा, जबकि राज्य सरकार बुनियादी सुविधाओं जैसे सड़क संपर्क और अन्य आवश्यकताओं की व्यवस्था करेगी। यह सहयोग राज्य और केंद्र के बीच समन्वय और सामूहिक प्रयासों का प्रतीक है।


🛡️ सुरक्षा बलों की तैयारी और महत्व

यह प्रशिक्षण कॉलेज सुरक्षा बलों को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावी ढंग से कार्य करने के लिए आवश्यक कौशल और रणनीतियाँ प्रदान करेगा। जंगल युद्ध की विशेष परिस्थितियों में कार्य करने के लिए प्रशिक्षित बल अधिक सक्षम और आत्मनिर्भर होंगे, जिससे नक्सल विरोधी अभियानों की सफलता की संभावना बढ़ेगी।


🌱 सामाजिक और विकासात्मक प्रभाव

इस पहल से न केवल सुरक्षा बलों की क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय समुदायों में भी विकास के नए अवसर उत्पन्न होंगे। प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना से स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, और क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का विकास होगा। यह समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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