भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 30 सितंबर 2025 को बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए नई ऋण नीतियाँ लागू की हैं

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 30 सितंबर 2025 को बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए नई ऋण नीतियाँ लागू की हैं

29, 9, 2025

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भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 30 सितंबर 2025 को बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए नई ऋण नीतियाँ लागू की हैं, जिनका उद्देश्य उधारकर्ताओं के लिए ऋण को सस्ता और अधिक लचीला बनाना है। ये नियम 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होंगे और व्यक्तिगत, गृह, और लघु उद्योग ऋणों की लागत को कम करने में मदद करेंगे।


1. फ्लोटिंग रेट लोन पर ब्याज दरों में लचीलापन

अब बैंकों को फ्लोटिंग रेट लोन (जैसे व्यक्तिगत और गृह ऋण) पर ब्याज दरों में बदलाव के लिए तीन साल की अवधि का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। वे ऋणदाता के जोखिम प्रोफ़ाइल के आधार पर ब्याज दरों में संशोधन कर सकते हैं, जिससे उधारकर्ताओं को RBI द्वारा की गई मौद्रिक नीति दरों में बदलाव का शीघ्र लाभ मिलेगा। इसके अतिरिक्त, उधारकर्ता अब ब्याज दर पुनः सेट होने पर निश्चित दर ऋण में स्विच करने का विकल्प चुन सकते हैं। 


2. सोने के ऋण के नियमों में ढील

RBI ने सोने को कच्चे माल के रूप में उपयोग करने वाले व्यवसायों के लिए कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान करने की अनुमति दी है। पहले यह सुविधा केवल आभूषण निर्माताओं तक सीमित थी, लेकिन अब यह नियम अन्य उद्योगों के लिए भी लागू होगा। इससे छोटे और मध्यम आकार के व्यवसायों को वित्तीय सहायता प्राप्त करने में आसानी होगी। 


3. बैंकों के लिए पूंजी जुटाने के नियमों में लचीलापन

RBI ने बैंकों को विदेशी या रुपये-नामांकित बॉन्ड्स जैसे स्थायी ऋण उपकरणों (PDIs) को अपनी अतिरिक्त Tier 1 (AT1) पूंजी के रूप में शामिल करने की अनुमति दी है। इससे बैंकों को पूंजी जुटाने में सुविधा होगी, जिससे वे अधिक ऋण देने में सक्षम होंगे। 


4. ऋणों की पुनःसेटिंग पर निश्चित दर विकल्प

अब उधारकर्ता अपने फ्लोटिंग रेट ऋणों की ब्याज दर पुनः सेट होने पर निश्चित दर ऋण में स्विच करने का विकल्प चुन सकते हैं। यह विकल्प 2023 में पहली बार पेश किया गया था और अब इसे अनिवार्य नहीं किया गया है, जिससे उधारकर्ताओं को अधिक लचीलापन मिलेगा। 


5. छोटे व्यवसायों के लिए ऋण नियमों में ढील

RBI ने छोटे व्यवसायों के लिए ऋण नियमों में ढील दी है, जिससे उन्हें ऋण प्राप्त करने में आसानी होगी। बैंकों को अब छोटे व्यवसायों के लिए ऋण जोखिम फैलाने की अनुमति है, जिससे वे अधिक उधारकर्ताओं को सेवा प्रदान कर सकेंगे। 


इन नए नियमों का उद्देश्य उधारकर्ताओं के लिए ऋण को सस्ता और अधिक लचीला बनाना है, जिससे वे अपनी वित्तीय आवश्यकताओं को बेहतर तरीके से पूरा कर सकें। यदि आप ऋण लेने की योजना बना रहे हैं, तो इन परिवर्तनों का लाभ उठाने के लिए अपने बैंक या वित्तीय संस्थान से संपर्क करें।

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