“एसपी-जज के नाम पर 75 हजार रुपये ठग लिए गए, जेल में बंद आरोपी की रिहाई के नाम पर चाल चली”

“एसपी-जज के नाम पर 75 हजार रुपये ठग लिए गए, जेल में बंद आरोपी की रिहाई के नाम पर चाल चली”

11, 8, 2025

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सूरजपुर। जिले में एक बड़ा ठगी का मामला सामने आया है। एनडीपीएस एक्ट के तहत जेल में बंद आरोपी की रिहाई का झांसा देकर उसके परिजनों से ठगों ने 75 हजार रुपये ऐंठ लिए। ठगों ने खुद को पुलिस और न्यायालय से जुड़ा बताते हुए एसपी, जज और जेल अधीक्षक के नाम पर रकम मांगी। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


घटना का पूरा मामला

गांधीनगर अंबिकापुर थाना क्षेत्र के सिरसी निवासी चिंतामणि बंजारे का बेटा अनिल बंजारे 3 अगस्त को एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार होकर जेल भेजा गया था। अगले ही दिन 4 अगस्त को चिंतामणि को एक मोबाइल कॉल आया। फोन करने वाले ने कहा कि यदि वह चाहता है कि बेटे का नाम केस से हटे और जल्द रिहाई हो, तो एसपी के नाम पर 25 हजार रुपये जमा कराने होंगे।

झांसे में आकर चिंतामणि ने बताए गए खाते में तुरंत राशि ट्रांसफर कर दी। इसके बाद ठगों ने अलग-अलग बहाने बनाकर और रकम मांगी।


अलग-अलग नाम पर वसूली

  • थाना प्रभारी के नाम पर 10 हजार रुपये

  • जेल अधीक्षक के नाम पर 15 हजार रुपये

  • जज के नाम पर 25 हजार रुपये

इस तरह कुल 75 हजार रुपये चिंतामणि से वसूल लिए गए।

ठगों ने यहां तक कहा कि जेल से आरोपी को सीधे परिवार को सौंपा जाएगा। इसके लिए चिंतामणि को परिजनों के साथ जेल बुलाया गया। लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी उसका बेटा रिहा नहीं हुआ। तब जाकर परिवार को अहसास हुआ कि वे ठगी का शिकार हो चुके हैं।


पुलिस की जांच

पीड़ित की शिकायत पर बसदेई थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अब उन मोबाइल नंबरों और बैंक खातों की जांच कर रही है, जिनके जरिये रकम ट्रांसफर कराई गई थी।

अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों की पहचान के लिए कॉल डिटेल्स और बैंक ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं।


बढ़ते ठगी के मामले

हाल के दिनों में पुलिस और जज के नाम पर इस तरह की ठगी के मामले बढ़े हैं। आरोपी और उनके परिजन जल्दबाजी और डर के चलते फर्जी कॉल करने वालों के झांसे में आ जाते हैं। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी तरह की रकम मांगने वाले कॉल्स की तुरंत जांच कराई जाए और बिना पुष्टि के पैसे न दिए जाएं।


प्रशासन की अपील

पुलिस ने लोगों से अपील की है कि यदि कोई भी व्यक्ति पुलिस या अदालत के नाम पर पैसे की मांग करे तो सीधे थाने में जाकर शिकायत करें। इस तरह की ठगी से बचने का एकमात्र उपाय सतर्क रहना और जागरूकता है।


निष्कर्ष

सूरजपुर की यह घटना दिखाती है कि अपराधी किस तरह सरकारी तंत्र के नाम का दुरुपयोग करके लोगों से पैसे वसूल रहे हैं। परिवार वालों को ठगना और रिहाई के नाम पर भरोसा दिलाना गंभीर अपराध है। अब देखना होगा कि पुलिस किस तेजी से आरोपियों को गिरफ्तार कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाती है।

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