बहदैच जिले के सहजना में SSB की 42वीं वाहिनी ने सीमावर्ती गांव में शिविर लगाया

बहदैच जिले के सहजना में SSB की 42वीं वाहिनी ने सीमावर्ती गांव में शिविर लगाया

30, 9, 2025

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उत्तर प्रदेश के बहदैच जिले के सहजना क्षेत्र में SSB (Sashastra Seema Bal) की 42वीं वाहिनी ने एक सीमा-नगर गांव में अपना अभियान शिविर स्थापित किया है। इस शिविर का मकसद न केवल सीमा सुरक्षा सुनिश्चित करना है, बल्कि स्थानीय निवासियों को सामाजिक और स्वास्थ्य सहायता प्रदान करना भी है।


शिविर की भूमिका और उद्देश्य

SSB अधिकारियों ने बताया कि इस शिविर की स्थापन कार्यवाही सीमा निगरानी को और मजबूत करने की दिशा में है। इसके अलावा, यह पहल यह दिखाती है कि सुरक्षा बल और स्थानीय समाज के बीच बेहतर संबंध बनाए रखना भी उनका लक्ष्य है। शिविर के माध्यम से निम्न प्रमुख कार्य किए जा रहे हैं:

  1. सीमा सुरक्षा एवं निगरानी
    सीमाशस्त्र बल इस क्षेत्र में सक्रिय गश्त कर रहा है ताकि अवैध गतिविधियों, घुसपैठियों या संदिग्ध आवाजाही पर नियंत्रण रखा जा सके।

  2. स्थानीय नागरिकों को स्वास्थ्य सेवा
    शिविर के दौरान स्वास्थ्य जांच, सामान्य चिकित्सकीय परीक्षण और दवाइयां प्रदान करने जैसी गतिविधियाँ आयोजित की गईं।

  3. सामाजिक सहयोग और जागरूकता
    सुरक्षा बल ने उन गांवों में जन-संवाद स्थापित किया, जहां सीमाएँ लगती हैं, और लोकल लोगों से यह साझा किया कि कैसे मिलकर सीमाओं की सुरक्षा और सामाजिक भलाई हो सकती है।

  4. विश्वास निर्माण
    इस तरह की पहल स्थानीय समाज को यह भरोसा देती है कि सुरक्षा संस्थाएं सिर्फ दूर से नहीं, बल्कि उनके से जुड़े हुए हैं और उनकी भलाई में भी शामिल हैं।


शिविर की व्यवस्था और गतिविधियाँ

  • शिविर को व्यवस्थित रूप से विभाजित किया गया था — सुरक्षा बिंदु, स्वास्थ्य बूथ, पारस्परिक संवाद सत्र आदि।

  • स्वास्थ्य बूथों पर स्थानीय निवासियों की जाँच की गई — जैसे रक्तचाप, सामान्य परीक्षण आदि।

  • चिकित्सीय दवाइयां और प्राथमिक उपचार सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गईं।

  • सुरक्षा दल द्वारा गश्त और निगरानी की प्रक्रिया निरंतर जारी रही।

  • स्थानीय लोगों को जागरूकता सत्रों के माध्यम से सीमाओं की संवेदनशीलता, सुरक्षा उपायों और सतर्क रहने की जानकारी दी गई।


स्थानीय प्रतिक्रिया और महत्व

  • गांववासियों ने कहा कि इस तरह की पहल उन्हें सरकार और सुरक्षा बलों के करीब लाती है और उनकी समस्याओं को सामने लाने का अवसर देती है।

  • कई लोगों ने यह माना कि स्वास्थ्य सुविधाएँ और जाँच शिविर स्तर पर मिलने से समय व खर्च की बचत होती है।

  • इस कदम से यह सुनिश्चित होता है कि सीमावर्ती इलाकों में रहने वालों को सिर्फ सुरक्षा दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि जीवन की मूल समस्याओं के समाधान दृष्टिकोण से भी ध्यान दिया जाए।


चुनौतियाँ और सुझाव

  • ऐसे इलाके अक्सर अविकसित होते हैं, इसलिए शारीरिक पहुँच, संसाधन एवं बुनियादी सुविधाओं की समस्या हो सकती है।

  • स्वास्थ्य शिविरों के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों, दवाइयों और उपकरणों की पूर्ति सतत बनी रहनी चाहिए।

  • स्थायी संवाद चैनल बनाए जाने चाहिए ताकि नागरिकों को निरंतर समर्थन मिले।

  • सुरक्षा और सामाजिक गतिविधियों का तालमेल अच्छा होना चाहिए, जिससे दोनों पक्षों का काम सुचारु रूप से हो सके।

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