उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले की नहल पंचायत में किसानों ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय पहल की है।

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले की नहल पंचायत में किसानों ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय पहल की है।

30, 9, 2025

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उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले की नहल पंचायत में किसानों ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय पहल की है। यहां के किसान पराली नहीं जलाते, बल्कि इसे चारे और छप्पर बनाने के काम में लाते हैं। इससे न केवल पर्यावरण की रक्षा होती है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है। 

नहल पंचायत के किसानों ने यह सुनिश्चित किया है कि वे पराली जलाने के बजाय उसे उपयोगी रूप में प्रयोग करें। इससे खेतों में जलने वाली पराली से होने वाले वायु प्रदूषण में कमी आई है और पर्यावरणीय संतुलन बना है। इसके अतिरिक्त, पराली के उपयोग से पशुओं के लिए चारे की उपलब्धता बढ़ी है और छप्पर बनाने के लिए सामग्री भी सुलभ हुई है।

यह पहल अन्य गांवों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन सकती है। यदि अन्य क्षेत्र भी इस तरह की पहल अपनाएं, तो पराली जलाने की समस्या को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है और पर्यावरणीय संकट को कम किया जा सकता है।

नहल पंचायत के किसानों की यह पहल यह दर्शाती है कि यदि समुदाय एकजुट होकर प्रयास करें, तो पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक समृद्धि दोनों को साथ में प्राप्त किया जा सकता है।

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