छत्तीसगढ़ के गरियाबंद और नारायणपुर जिलों में सुरक्षा बलों ने नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ी सफलता प्राप्त की

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद और नारायणपुर जिलों में सुरक्षा बलों ने नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ी सफलता प्राप्त की

11, 8, 2025

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छत्तीसगढ़ के गरियाबंद और नारायणपुर जिलों में सुरक्षा बलों ने नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ी सफलता प्राप्त की है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस सफलता के लिए सीआरपीएफ, छत्तीसगढ़ पुलिस और डीआरजी के जवानों को बधाई दी है। इस अभियान में गरियाबंद जिले में मुठभेड़ के दौरान 10 नक्सली मारे गए, जिनमें ₹1 करोड़ के इनामी नक्सली मोडेम बालकृष्णा उर्फ मनोज भी शामिल है। वहीं, नारायणपुर जिले में 16 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया है।


गरियाबंद में मुठभेड़: 10 नक्सली ढेर

गरियाबंद जिले में हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने 10 नक्सलियों को मार गिराया। इसमें ₹1 करोड़ के इनामी नक्सली मोडेम बालकृष्णा उर्फ मनोज भी शामिल है, जो केंद्रीय समिति का सदस्य था। यह नक्सल उन्मूलन अभियान में एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है।


नारायणपुर में आत्मसमर्पण: 16 नक्सलियों ने लौटाया समाज की मुख्यधारा में

नारायणपुर जिले में 16 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें जनताना सरकार के सदस्य, पंचायत मिलिशिया के डिप्टी कमांडर, पंचायत सरकार के सदस्य और न्याय शाखा के अध्यक्ष शामिल हैं। इन नक्सलियों ने समाज की मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया है।


मुख्यमंत्री का संदेश: नक्सलियों की विचारधारा अब दम तोड़ रही है

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इन घटनाओं को नक्सलियों की झूठी विचारधारा के समाप्त होने का संकेत बताया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में विश्वास, विकास और शांति की नई सुबह का उदय हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने 'नक्सलमुक्त भारत' का संकल्प लिया है, जो मार्च 2026 तक साकार होगा।


सुरक्षा बलों की भूमिका: साहस और समर्पण

इस सफलता में सीआरपीएफ की कोबरा कमांडो, छत्तीसगढ़ पुलिस और डीआरजी के जवानों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इन बलों ने कठिन परिस्थितियों में भी साहस और समर्पण के साथ अभियान को सफल बनाया। उनकी मेहनत और समर्पण ने यह साबित कर दिया कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में हम विजयी हो सकते हैं।


समाज की मुख्यधारा में लौटने की प्रक्रिया

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास योजना के तहत सहायता प्रदान की जाती है। इसमें उन्हें शिक्षा, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा की सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में समाहित हो सकें। यह प्रक्रिया न केवल उनके जीवन को बेहतर बनाती है, बल्कि समाज में शांति और विकास की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है।


निष्कर्ष: नक्सलवाद के खिलाफ मजबूत कदम

छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों की यह सफलता नक्सलवाद के खिलाफ राज्य सरकार की मजबूत नीति और रणनीति को दर्शाती है। यह घटनाएं यह साबित करती हैं कि जब सरकार और सुरक्षा बल मिलकर काम करते हैं, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती। आने वाले समय में, इस तरह की सफलताओं से राज्य में शांति और विकास की नई राह खुलेगी।

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