बस्तर में 967 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव: नक्सल प्रभावित क्षेत्र में विकास की नई लहर

बस्तर में 967 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव: नक्सल प्रभावित क्षेत्र में विकास की नई लहर

11, 8, 2025

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बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद के खिलाफ राज्य सरकार की दृढ़ नीतियों और विकास योजनाओं ने इस क्षेत्र को औद्योगिक और सामाजिक दृष्टि से एक नई दिशा दी है। हाल ही में आयोजित 'बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट' कार्यक्रम में उद्योगपतियों ने बस्तर में निवेश के लिए 967 करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए 52,000 करोड़ रुपये की योजनाएं तैयार की हैं।


बस्तर में निवेश की नई लहर

बस्तर में आयोजित 'इन्वेस्टर कनेक्ट' कार्यक्रम में देश के प्रमुख उद्योगपतियों ने इस क्षेत्र में निवेश के लिए रुचि दिखाई है। इस कार्यक्रम में 967 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनसे लगभग 2,100 से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। यह निवेश कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, खनन और सेवा क्षेत्रों में किया जाएगा, जिससे बस्तर के समग्र विकास में तेजी आएगी।


प्रमुख निवेश योजनाएं

  • एनएमडीसी द्वारा 43,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं: राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) बस्तर में 43,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की शुरुआत करेगा, जो क्षेत्र में खनन उद्योग को बढ़ावा देगा।

  • रेलवे और सड़क परियोजनाएं: रेलवे विभाग ने 5,200 करोड़ रुपये और सड़क निर्माण के लिए 2,300 करोड़ रुपये का निवेश स्वीकृत किया है। इन परियोजनाओं से बस्तर और आसपास के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार होगा।

  • स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: जगदलपुर में 350 बेड का मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जाएगा, जिसमें 550 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इसके अलावा, दो अन्य मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पतालों की भी योजना है।

  • सेवा क्षेत्र और एमएसएमई में निवेश: सेवा क्षेत्र और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) में लगभग 1,000 करोड़ रुपये का निजी निवेश प्रस्तावित है, जो स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देगा।


नक्सल उन्मूलन की दिशा में प्रगति

पिछले 20 महीनों में बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। 453 नक्सलियों को निष्क्रिय किया गया, 1,611 को गिरफ्तार किया गया और 1,636 ने आत्मसमर्पण किया। इस दौरान 65 से अधिक नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए और 50 से अधिक बंद स्कूलों को फिर से खोला गया। राज्य सरकार की 'नियद नेल्ला नार' योजना के तहत सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और संचार सुविधाएं दूरदराज तक पहुंचाई गई हैं।


औद्योगिक नीति 2024–30 की भूमिका

राज्य सरकार की औद्योगिक नीति 2024–30 ने बस्तर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस नीति के तहत फार्मा, एग्रो-प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल्स, आईटी, डिफेंस, एयरोस्पेस और डिजिटल टेक्नोलॉजी को प्राथमिकता दी गई है। इसके अलावा, पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है, जिसमें ईको-टूरिज्म और वेलनेस प्रोजेक्ट्स पर 45 प्रतिशत तक सब्सिडी और नक्सल प्रभावित परिवारों के उद्यमियों को अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा।


आत्मसमर्पण नीति और पुनर्वास

राज्य सरकार ने आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए नई पुनर्वास नीति लागू की है। इस नीति के तहत तीन वर्षों तक 10,000 रुपये मासिक सहायता, शहरी क्षेत्रों में जमीन, व्यावसायिक प्रशिक्षण और सामूहिक आत्मसमर्पण पर दुगुना इनाम जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। इसके अलावा, नक्सल मुक्त गांवों के लिए 1 करोड़ रुपये तक की विकास योजनाएं स्वीकृत की गई हैं।


निष्कर्ष

बस्तर में हो रहे इन विकास कार्यों और निवेश योजनाओं से यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इन पहलों से बस्तर में औद्योगिक और सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन की नई लहर आएगी, जो क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

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