अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50% शुल्क लगाने के फैसले ने भारत के प्रमुख उद्योगपतियों, मुकेश अंबानी और गौतम अडानी, के व्यापारिक रणनीतियों को चुनौती दी है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50% शुल्क लगाने के फैसले ने भारत के प्रमुख उद्योगपतियों, मुकेश अंबानी और गौतम अडानी, के व्यापारिक रणनीतियों को चुनौती दी है।

30, 9, 2025

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50% शुल्क लगाने के फैसले ने भारत के प्रमुख उद्योगपतियों, मुकेश अंबानी और गौतम अडानी, के व्यापारिक रणनीतियों को चुनौती दी है। यह कदम भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों में तनाव का कारण बना है और भारतीय निर्यातकों के लिए नई रणनीतियों की आवश्यकता को उजागर करता है।


ट्रंप के 50% शुल्क का प्रभाव

अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 50% शुल्क लागू किया है, जिसमें 25% "प्रतिसंवेदनात्मक" शुल्क और 25% अतिरिक्त शुल्क शामिल है, जो भारत द्वारा रूसी तेल आयात पर आधारित है। इससे भारतीय निर्यातकों को अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह शुल्क भारतीय निर्यात के लगभग 70% हिस्से को प्रभावित कर सकता है, जिसमें रत्न, वस्त्र, रसायन और धातुएं शामिल हैं। 


मुकेश अंबानी की स्थिति

रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी की कंपनी ने इस वर्ष की पहली छमाही में लगभग 142 मिलियन बैरल रूसी तेल आयात किया है, जिससे लगभग $571 मिलियन की बचत हुई है। रिलायंस का 45% से अधिक राजस्व निर्यात से आता है, जिससे यह शुल्क कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बन गया है। 


गौतम अडानी की स्थिति

अडानी समूह ने अमेरिकी ऊर्जा क्षेत्र में $10 बिलियन का निवेश करने की योजना बनाई है, जिससे 15,000 नौकरियों का सृजन होने की संभावना है। हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने विदेशी भ्रष्टाचार प्रथाओं अधिनियम को लागू करने पर रोक लगा दी है, जिससे अडानी समूह को अमेरिकी निवेश में सहायता मिल सकती है। 


रणनीतिक प्रतिक्रियाएं

अंबानी और अडानी दोनों ही कंपनियां चीन की प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ साझेदारी की संभावनाओं की तलाश कर रही हैं, विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों, बैटरियों और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में। हालांकि, 2020 के गालवान घाटी संघर्ष के बाद भारत ने चीनी निवेश पर प्रतिबंध लगाए हैं, फिर भी ये कंपनियां नई व्यापारिक रणनीतियों पर विचार कर रही हैं। 


भारत की प्रतिक्रिया

भारत ने अमेरिकी शुल्क को "अत्यधिक और अनुचित" बताते हुए इसका विरोध किया है। भारत ने अमेरिका से अधिक ऊर्जा और रक्षा उपकरण खरीदने का वादा किया है और दोनों देशों के बीच व्यापारिक समझौते की दिशा में बातचीत शुरू करने की योजना बनाई है। 


निष्कर्ष

ट्रंप द्वारा लगाए गए शुल्क ने भारत के प्रमुख उद्योगपतियों के लिए नई चुनौतियाँ उत्पन्न की हैं। हालांकि, अंबानी और अडानी समूह अपनी रणनीतियों में बदलाव कर रहे हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि वैश्विक व्यापारिक परिदृश्य में अनिश्चितता बनी हुई है। भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में सुधार की आवश्यकता है, ताकि दोनों देशों के उद्योगों को लाभ हो सके।

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