भारत में बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता व्यक्त की है।

भारत में बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता व्यक्त की है।

30, 9, 2025

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भारत में बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। कोर्ट ने इसे "हवाला व्यापार का परिष्कृत रूप" बताते हुए केंद्र सरकार से स्पष्ट नीति बनाने की मांग की है। यह टिप्पणी शैलेश बाबुलाल भट्ट की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान की गई, जो गुजरात में अवैध बिटकॉइन व्यापार के आरोप में गिरफ्तार हैं। 

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियाँ

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिस्वर सिंह की पीठ ने कहा कि बिटकॉइन का व्यापार बिना किसी नियामक ढांचे के हवाला व्यापार जैसा है, जो पारदर्शिता की कमी और निगरानी के अभाव के कारण गंभीर जोखिम उत्पन्न करता है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्यों क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार को नियंत्रित करने के लिए स्पष्ट नीति नहीं बनाई गई है। 

कानूनी स्थिति और सरकार की भूमिका

भारत में क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार अवैध नहीं है, क्योंकि 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 2018 के सर्कुलर को रद्द कर दिया था, जिसमें बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित लेन-देन पर रोक लगाई गई थी। हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मुद्रा के रूप में मान्यता नहीं दी गई है, और न ही इसके व्यापार के लिए कोई स्पष्ट कानूनी ढांचा मौजूद है। 

केंद्र सरकार ने 2021 में क्रिप्टोकरेंसी पर एक चर्चा पत्र जारी करने की योजना बनाई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस नीति या विधेयक पारित नहीं किया गया है। इस कानूनी अस्पष्टता के कारण निवेशकों और नियामक एजेंसियों के लिए समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। 

क्रिप्टोकरेंसी और हवाला व्यापार

हवाला एक अनौपचारिक और अक्सर अवैध धन हस्तांतरण प्रणाली है, जो पारंपरिक बैंकिंग चैनलों से बाहर काम करती है। सुप्रीम कोर्ट ने बिटकॉइन के व्यापार को हवाला के परिष्कृत रूप के रूप में देखा है, क्योंकि इसमें पारदर्शिता की कमी और निगरानी की अभाव है। यह स्थिति अवैध गतिविधियों के लिए एक उपयुक्त माध्यम बन सकती है। 

निष्कर्ष

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियाँ भारत में क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार के लिए स्पष्ट और प्रभावी नियामक ढांचे की आवश्यकता को रेखांकित करती हैं। सरकार को इस दिशा में शीघ्र कदम उठाने चाहिए ताकि निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण पाया जा सके।

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